थम नहीं रहा टीवी सीरियल अहिल्याबाई विवाद, अब सतीश पूनिया ने कहा- बंद करें ऐसे कार्यक्रम

जयपुर। टीवी सीरीयल अहिल्याबाई विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। कई संगठन और नेता इस सीरियल पर पाबंदी लगाने की मांग कर रहे…

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जयपुर। टीवी सीरीयल अहिल्याबाई विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। कई संगठन और नेता इस सीरियल पर पाबंदी लगाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर RLP संयोजक हनुमान बेनीवाल, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पहले ही पत्र लिखकर इस सीरियल के निर्माताओं पर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। अब भआजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी इस सीरियल को बंद करने की मांग की है।

सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि टीवी सीरियल में इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है और जिस तरह महाराजा सूरजमल राव जैसे प्रेरणादायक चरित्र वाले महान व्यक्तित्व का अपमान किया जा रहा है, ऐसे कार्यक्रमों को तुरंत बंद कर इन पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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इसलिए हो रहा है विवाद

बता दें कि सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे सीरियल अहिल्याबाई को लेकर राजस्थान-हरियाणा में विवाद छिड़ा हुआ है। दरअसल इस सीरियल में महाराजा सूरजमल को एक एपिसोड में कायर दिखा दिया गया है। इसमें दिखाया गया है कि सूरजमल एक युद्ध में हार गए थे, लेकिन इतिहासकारों का कहना है कि महाराजा सूरजमल ने अपने जीवन काल में एक भी युद्ध नहीं हारे। उन्होंने सभी में जीत हासिल की है। इसलिए इस पर अब विवाद हो रहा है। इस मामले को लेकर महाराजा सूरजमल के वंशजों ने एफ आई आर दर्ज करा दी है। जिसमें मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी शामिल हैं। विश्वेंद्र सिंह खुद को महाराजा सूरजमल का वंशज बताते हैं। इसी मामले में RLP संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी शिकायत दर्ज कराई है।

इतिहासकारों का यह है दावा

इस धारावाहिक में महाराजा सूरजमल जी को खंडेराव होल्कर से हारा हुआ दिखाया गया है। लेकिन इतिहासकारों का दावा है कि महाराजा सूरजमल ने अपने जीवन काल में 80 युद्ध लड़े थे और उन्होंने सभी 80 युद्ध में अपनी शानदार जीत दर्ज की थी। जबकि जिस खंडेराव होल्कर को सूरजमल जी से हो रहे युद्ध में जीता हुआ दिखाया गया है। उसकी मौत तो महाराजा सूरजमल जी के साथ युद्ध में ही हो गई थी। अब इसे लेकर भरतपुर के रूपवास समेत अलग-अलग थानों में एफ आई आर दर्ज करवाई गई है। बता दें कि बीते 26 नवंबर को राज्यपाल कलराज मिश्र के समक्ष में यह मामला उठाया गया था। जब वे भरतपुर दौरे पर आए थे। सूरजमल जी के वंशज मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। आपको यह भी बता दे कि अभी तक इस मामले में हरियाणा और राजस्थान से करीब 1 दर्जन से ज्यादा संगठनों ने विरोध जताया है।

भरतपुर के संस्थापक हैं महाराजा सूरजमल, जाटों में पूज्य

आपको बता दें कि महाराजा सूरजमल भरतपुर के संस्थापक हैं। उन्होंने दिल्ली पर भी विजय प्राप्त की थी। इतिहासकारों के मुताबिक जब पानीपत का युद्ध हुआ था तब पेशवा खंडेराव हार गए थे। लेकिन फिर भी सूरजमल ने हारे हुए पेशवा खंडेराव को उनकी पत्नी, बच्चों और सेना को अपने राज्य में शरण दी थी। लेकिन इसके बावजूद अहिल्याबाई सीरियल में उन्हें कायर की तरह दिखाया गया। जिसके बाद यह विवाद हरियाणा से लेकर राजस्थान में फैल गया। बता दें कि इससे पहले इतिहास पर बनी फिल्मों को लेकर भी काफी विवाद छिड़ा है, जिसमें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया गया है। इन फिल्मों में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत, पानीपत और पृथ्वीराज चौहान जैसी फिल्में शामिल हैं।

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