कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के मामले में ट्विटर पर भिड़े राजेंद्र राठौड़ और अशोक चांदना

जयपुर। बीती 25 सितंबर को कांग्रेस विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने के मामले में कल गुरुवार को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान…

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जयपुर। बीती 25 सितंबर को कांग्रेस विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने के मामले में कल गुरुवार को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट ने रिट दाखिल की थी। जिस पर भाजपा और कांग्रेस की भिड़ंत अभी खत्म नहीं हुई है। अब राजेंद्र राठौड़ ने अशोक चांदना के एक ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि ज्ञान के अभाव में लोग जात-पात में उलझ जाते हैं। इस जातिवाद से नहीं निकले तो एक दिन यह जात का रोग पूरे संपूर्ण मानवता को निगल जाएगा।

चांदना ने कहा था- इस मामले में राजेंद्र राठौड़ को तो बस कूदना है

दरअसल खेल मंत्री अशोक चांदना ने कल राजेंद्र राठौड़ के राजस्थान हाइकोर्ट में रिट दाखिल करने पर बयान दिया था कि हां हमने इस्तीफा दिया है और उस पर फैसला भी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को लेना है। राजेंद्र राठौड़ को तो इसी मामले में कूद कर गिरना है बस। इसी बयान पर राठौड़ ने अशोक चांदना पर निशाना साधा है। इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा था कि संविधान घोड़ों और पोलो से ऊपर का विषय है।

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स्पीकर महोदय के फैसले का इंतजार मत करिए। जब वीरता से इस्तीफा दिया है तो उसे स्वयं लागू करिए। आज से सभी पद, सरकारी सुविधाएं त्याग दीजिए। फिर इसके बाद अशोक चांदना ने ट्वीट कर निशाना साधा कि आपको वीरता औऱ त्याग का सर्टिफिकेट देने की एजेंसी किसने दे दी? लगता है पिछड़ी जाति के लोगों का पोलो खेलना औऱ घोड़ों पर बैठना चुभ गया है।

अशोक चांदना के इस ट्वीट पर फिर से राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया और कहा कि आप नाराज क्यों होते हो? गुर्जरों का इतिहास तो वीरता का रहा है। मैं तो आपकी स्पष्टवादिता और वीरता की याद दिला रहा था कि आप इस्तीफा देने की बात पर अडिग रहे।

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