वैभव गहलोत के नाम पर बंद कमरे में रायशुमारी…विरोध में तीखी नोंकझोंक, जानें जालोर सीट के सियासी समीकरण?

Lok Sabha Election 2024: 2019 के बाद एक बार फिर वैभव गहलोत को जालोर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने की चर्चा जोरों से शुरू हुई। कुछ ने जताई सहमति तो कुछ ने किया विरोध।

ashok gehlot and vaibhav gehlot | Sach Bedhadak

Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) को लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारने की जद्दोजहद में जुट गई है। जालोर में आयोजित कांग्रेस की बैठक में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने बंद कमरे में वैभव के नाम पर सहमति बनाने के लिए रायशुमारी की। कांग्रेस से विधानसभा लड़ने वाले उमसिंह चांद्रायण, सरोज चौधरी, रमीला मेघवाल समेत कुछ नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जिसको प्रत्याशी बनाकर भेजेगा वो उसका समर्थन करेंगे। हालांकि, कुछ कार्यकर्ता और नेताओं ने वैभव के नाम पर विरोध जताया तो तीखी नोंकझोंक भी हुई। स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्थानीय नेता को तरजीह देने का पक्ष रखा।

जालोर से चुनाव लड़ने की चर्चा

सियासी गलियारों में वैभव गहलोत के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है। साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी जालोर से वैभव के चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं, लेकिन उस दौरान यहां से टिकट नहीं मिला था। लेकिन इस बार पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को इसी सीट से उतारने की चर्चाएं जोरों-शोरों से चल रही हैं।

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बस चुनाव जीतने पर चर्चा करें

जालोर में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं की हुई बैठक में लोकसभा समन्वयक हेमसिंह शेखावत ने सख्त लहजे में कहा कि जो लोग इस बैठक में अनुपस्थित हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक वो समय था जब कांग्रेस ने अंग्रेजों को भगाया था, लेकिन वर्तमान में हालत यह लोग कहेंगे कि पदाधिकारियों ने कांग्रेस को खत्म कर दिया। हमें कांग्रेस की मजबूती के लिए स्वयं के स्तर पर मेहनत करनी होगी। शेखावत ने कहा कि इस बैठक में सिर्फ यह सुना जाएगा कि हम चुनाव कैसे जीत सकते हैं। हम विधानसभा चुनाव में कैसे हारे? कौन जीत सकता था? अब किसे टिकट देनी चाहिए? इन सब मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं होगी।

सुर ऊंचे हुए तो सुनाई खरी खोटी

शेखावत ने अपने संबोंधन के दौरान सभी के मोबाइल स्वीचऑफ करा दिया। इस दौरान पीछे कुर्सी पर बैठे कार्यकर्ता सुरेश मेघवाल ने दूसरे कार्यकर्ता के कान में कुछ कहना चाहा। इस पर शेखावत भड़क उठे और सुरेश मेघवाल को मंच पर बुलाया कहा कि ऐसा कौनसा गोपनीय सुझाव दे रहे थे, यहां खुले में बताओ। मेघवाल भी इस मौके को चूकना नहीं चाहते थे। उन्होंने न आव देखा न ताव और कहा डाला कि पिछले 35 सालों में जालोर विधानसभा और 20 सालों से जालौर लोकसभा क्यों हार रहे हैं? इस बारे में उन्होंने खरी खरी सुनानी शुरू कर दी। जब मामला गंभीर हुआ तो शेखावत ने मीडिया से कहा कि वह कृपया कक्ष से बाहर चले जाएं।

हरीश गहलोत पर लगाए आरोप

जालोर में हुई कांग्रेस की बैठक में नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष बसंत सुधार ने वहां मौजूद विधानसभा प्रभारी हरीश गहलोत पर खुले में आरोप लगा दिए। सुधार ने कहा कि गहलोत ने सिरोही में कांग्रेस प्रत्याशी संयम लोढ़ा के खिलाफ प्रचार किया, इस पर काफी देर दोनों के बीच बहसबाजी भी हुई। जब मामला तूल पकड़ने लगा तो अन्य पदाधिकारियों ने दोनों को शांत कराया।

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