अलविदा 2022 : इन घटनाक्रमों के चलते देश की राजनीति के केंद्र में आया राजस्थान

जयपुर। साल 2022 का आज आखिरी दिन है। यह साल जाते-जाते राजस्थान को कई ऐसे मौके दे गया। जिसने पूरे देश के सामने उसकी सियासत…

image 2022 12 31T131527.824 | Sach Bedhadak

जयपुर। साल 2022 का आज आखिरी दिन है। यह साल जाते-जाते राजस्थान को कई ऐसे मौके दे गया। जिसने पूरे देश के सामने उसकी सियासत की परतों को खोल दिया। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने देश की राजनीति को राजस्थान में स्थापित करने के प्रयास किए। दूसरी तरफ विश्व के सबसे बड़े देशों के समूह G-20 के शेरपाओं की पहली बैठक झीलों की नगरी उदयपुर में हुई। जिसने वैश्विक पटल पर अपनी राजस्थान की रंग-रंगीली छाप छोड़ी। इस साल किन-किन सियासी मुद्दों ने राजस्थान को पूरे देश में चर्चित किया। उन सबकी झलक आपको दिखाते हैं।

भारत जोड़ो यात्रा

image 2022 12 31T124528.493 1 | Sach Bedhadak

1- राजस्थान की सियासत यूं तो पूरे देश के केंद्र में है। लेकिन इस बार राजस्थान को ऐसा भी मौका मिला जिससे दिल्ली में बैठे सत्ता के ठेकेदारों तक को यह अहसास करा दिया कि देश की राजनीति दिल्ली से नहीं बल्कि राजस्थान से चल रही है और राजस्थान को यह मौका दिया राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने। राहुल गांधी राजस्थान में 16 दिन रुके। राजधानी जयपुर में उन्होंने यात्रा के 100 दिन पूरे होने का शानदार जश्न मनाया तो अलवर के मालाखेड़ा में महासभा की। जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। इस भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान ने अपनी विश्व विरासती संस्कृति से शानदार स्वागत किया। राहुल गांधी और भारत यात्रियों ने इस राजस्थान का रंग-रंगीला नजारा देखा। इसके लिए उन्होंने यहां तक कह दिया कि राजस्थान में जिस तरह से भारत जोडो यात्रा और उन्हें प्यार मिला है। उसका कोई तोड़ नहीं।  

वसुंधरा राजे का देवदर्शन

image 2022 12 31T124635.944 | Sach Bedhadak

2- सत्तारूढ़ कांग्रेस से इतर मुख्य विपक्षी दल भाजपा की बात करें तो वहां भी राज्य स्तर पर सब कुछ सामान्य नजर नहीं आया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए बूंदी और झालावाड़ जिलों में ‘देव दर्शन यात्रा’ आयोजित की। जिसमें पार्टी के कई विधायक शामिल हुए। कई लोगों ने इसे उनके शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा, जो पार्टी आलाकमान को दिखाना चाहती हैं कि वह 2023 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बनी हुई हैं। इसे टक्कर देने के लिए सतीश पूनिया ने भी हाड़ौती संभाग में अपनी यात्राएं की। जिससे बातक ‘ऊपर’ तक पहुंचे कि सीएम के लिए वह भी चेहरा हो सकते हैं। यह घटनाक्रम पूरे देश की सुर्खियों में छाया था।

G-20 के शेरपाओं की बैठक

image 2022 12 31T125041.606 | Sach Bedhadak

3-विश्व के सबसे बड़े देशों का समूह G-20 की मेजबानी साल 2023 में भारत को मिली है। इसके लिए शेरपाओं की पहली बैठक की मेजबानी करने का मौका झीलों की नगरी उदयपुर को मिला। इस पहली शेरपा बैठक की अध्यक्षता भारतीय शेरपा अमिताभ कांत ने की। इस बैठक में यूरोपीय संघ और नौ विशेष आमंत्रित देशों समेत 19 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में 40 से अधिक प्रतिनिधि पहुंचें। बैठक में रोजगार, स्वास्थ्य, डिजिटल अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश और उद्योग, पर्यावरण और जलवायु, ऊर्जा, भ्रष्टाचार विरोधी, कृषि, महिला सशक्तीकरण, पर्यटन और संस्कृति के विषय पर चर्चा हुई। यह बैठक सिर्फ यहीं नहीं थमीं। इन 40 देशों के प्रतिनिधियों ने पूरा उदयपुर घूमा। यहां की संस्कृति को करीब से जाना।

25 सितंबर की वो रात

image 2022 12 31T125332.996 | Sach Bedhadak

4- राजस्थान अपने सियासी मामलों के लिए पूरे देश में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। यह साल ऐसा था कि राजस्थान पूरे देश की राजनीति का केंद्र बना। कारण था पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना। जिसेक बाद यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि अब राजस्थान के सीएम की कमान सचिन पायलट को सौंपी जा सकती है। जिसे लेकर 25 सितंबर को हुई CLP बैठक में गहलोत कैंप के 91 विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सौंप दिया। जिसकी वजह उन्होंने सचिन पायलट को सीएम बनने की खिलाफत को बताया था। इस घटनाक्रम ने राजस्थान से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस की सिय़ासत गर्मा गई थी। जिसके बाद आलाकमान ने इस पर कार्रवाई करते हुए गहलोत कैंप के 3 नेताओं को नोटिस तक थमा दिया था। इस घटनाक्रम को लेकर पर्यवेक्षक बनकर आए अजय माकन ने अपने प्रदेश प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अब यह मामला शांत हो चुका है।आने वाले समय़ में अशोक गहलोत के ही नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।

नाथद्वारा में विश्वास स्वरूपम्

image 2022 12 31T125601.011 | Sach Bedhadak

5- राजसमंद के नाथद्वारा इस साल पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चित रहा। नाथद्वारा में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम् का अनावरण किया गया। इसका अनावरण 29 अक्टूबर को विश्व प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू ने किया। इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत समेत कई नेताओं ने शिरकत की। अब तक नाथद्वारा में इस शिव प्रतिमा के दर्शन वसुंधरा राजे, सचिन पायलट, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत कई बड़े नेता कर चुके हैं। यही नहीं नाथद्वारा में मुकेश अंबानी की जियो टेलिकॉम ने 5जी सेवा की लॉन्चिंग की थी। जियो टेलिकॉम के चेयरमैन आकाश अंबानी ने नाथद्वारा में जियो 5जी की लॉन्चिंग की थी।

इन्वेस्ट राजस्थान में अडाणी, मित्तल

image 2022 12 31T125701.065 | Sach Bedhadak

6- निवेश के क्षेत्र में राजस्थान ने इस साल बड़ी छलांग लगाई। इस साल 8-10 अक्टूबर को इंवेस्ट राजस्थान कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम जयपुर के सबसे बड़े कांफ्रेंस हॉल जेईसीसी में हुआ था। इस समारोह में अडानी, मित्तल जैसे बिजनेस टाइकून्स ने शिरकत की थी। इन्वेस्ट राजस्थान में करीब 11 लाख करोड़ का निवेश आया है। जिससे करीब 10 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी बात यह रही कि इसमें सबसे ज्यादा 75 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्ट अकेले गौतम अडाणी ने किय़ा था।

झुंझुनूं का लाल बना उपराष्ट्रपति

image 2022 12 31T125806.289 | Sach Bedhadak

7- इस साल राजस्थान को गर्व से अपनी छाती चौड़ी करने का मौका भी मिला। झुंझुनूं के लाल जगदीप धनखड़ को देश के उपराष्ट्रपति बनने का मौका मिला। साल 1989 में धनखड़ ने सियासत में कदम रखा और जनता दल के टिकट पर झुंझुनूं से रिकॉर्ड वोटों से जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और अजमेर से वो कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े। हालांकि इस चुनाव में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके बाद साल 2003 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और अजमेर के किशनगंज से विधायक चुने गए। वे केंद्रीय मंत्री रहते हुए यूरोपीय संसद में से एक संसदीय समूह के उपनेता भी रहे थे। जगदीप धनखड़ साल 2019 में प. बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *