अलविदा 2022 : हमेशा शांत रहने वाला राजस्थान भी दंगों से दहला… इन घटनाओं ने पूरे देश को झकझोरा

साल 2022 राजस्थान के लिए खास भी रहा तो कई ऐसी घटनाएं भी हुईं जिसने पूरे देश को अंदर तक झकझोर कर रख दिया। इस…

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साल 2022 राजस्थान के लिए खास भी रहा तो कई ऐसी घटनाएं भी हुईं जिसने पूरे देश को अंदर तक झकझोर कर रख दिया। इस साल राजस्थान की झोली में कई ऐसे मंजर आए, जिस पर उसने आंसू बहाए। कहीं इस मरूधरा पर सिर काटे गए तो कहीं पर हंसता खेलता परिवार आग में जलकर राख हो गया। हम यहां बात कर रहे हैं साल 2022 में हुए ऐसे आपराधिक घटनाक्रमों की जो पूरे देश में चर्चा का केंद्र रहे। इस साल के जाते-जाते हम 2022 के उन घटनाओं को याद कर रहे हैं जिन्होंने हर आम आदमी के मन को अंदर तक हिलाकर रख दिया।

नफरत की हुई इंतहा…काट दिया सिर

1-इस साल की जिस घटना ने सिर्फ राजस्थान को ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिला रख दिया। वह था उदयपुर में हुआ कन्हैयालाल हत्याकांड। इस घटना ने हर व्यक्ति को अंदर तक झकझोर कर रख दिया। सिर्फ एक नेता के किसी विशेष धर्म के बयान पर किए गए पोस्ट पर हुई इस वीभत्स वारदात की विदेशों में बड़े-बड़े नेताओं तक ने आलोचना की और निंदा की। यह पूरी वारदात की साजिश पाकिस्तान में बैठे दहशतगर्दों ने रची। अब तक इस घटना में मास्टरमाइंड समेत  शामिल 10 लोगों को जेल की हवा खिलाई जा रही है।

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दंगों से दहला राजस्थान

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2-सांप्रदायिक दंगे किसी भी राज्य और देश के लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी होते हैं। यह घंटी जो राजस्थान में बजी तो पूरे देश में भूचाल आ गया। भाजपा की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के धर्म विशेष पर दिए गए बयान पर उस समाज में इतनी असहिष्णुता घर कर गई कि वे हिंसा पर उतर आए। 2022 में हिंदू धर्म के नए साल के दिन करौली में हुआ सांप्रदायिक दंगे का मंजर अभी भी हर किसी के जेहन में है। इसके बाद हनुमान जयंती के दिन भी जोधपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। 1 अप्रैल को PFI ने डीजीपी एमएल लाठर और सीएम गहलोत को भी चिट्टठी लिखी थी। जिसमें PFI ने साफ तौर पर प्रदेश में दंगे की चेतावनी थी। लेकिन इस चिट्ठी को दरकिनार कर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। नतीजा, हमें करौली और जोधपुर दंगे के रूप में देखना पड़ा।

NCRB की रिपोर्ट पर देश में मचा बवाल

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3-राष्ट्रीय अपराध नियंत्रण ब्यूरो यानी NCRB ने इसी साल पूरे देश की क्राइम रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें अपराधों के बढ़ने को लेकर राजस्थान को सबसे पहले नंबर पर दिखाया गया था। इसमें राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के मामले में सबसे पहले नंबर पर दिखाया गया था, तो जयपुर को रेप के मामले में दिल्ली के समक्ष रखा गया था। जिस पर पूरे देश में राजस्थान की छवि पर असर पड़ा। हालांकि सीएम अशोक गहलोत और राजस्थान प्रशासन ने इस रिपोर्ट के आंकड़ों पर कहा है कि ये दर्ज हुए मामले हैं, क्योंकि हर मामले की FIR उन्होंने अनिवार्य कराई है।

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4- इस साल के सबसे भयानक और दर्दनाक हादसों में जोधपुर का सिलेंडर ब्लास्ट चर्चित रहा। यह हादसा इतना भयानक था कि परिवारों के परिवार तबाह हो गए। कई परिवार में तो एक भी ऐसा नहीं बचा जो उनकी चिता को अग्नि दे सके। यहां के भूंगरा गांव के एक शादी समारोह में 3 लीकेज सिलेंडर ब्लास्ट हो गए। जिससे बच्चों समेत 60 लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। इसमें करीब 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे को लेकर सीएम गहलोत भी काफी गंभीर रहे। सीएम ने पीड़ित परिवारों को 17 लाख रुपए की सहायता राशि की घोषणा भी की है।

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5- जालोर में शिक्षक की पिटाई से 9 साल के दलित छात्र की मौत के मामले ने पूरे देश में दलितों की सुरक्षा के चिंतन पर जोर देना पड़ा। जालोर में 13 अगस्त को मटकी से पानी पीने को लेकर शिक्षक ने 9 साल के दलित मासूम की इतनी बेरहमी से पिटाई की, कि छात्र की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों के लिए 5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। लेकिन, कम मुआवजे को लेकर दलित नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। उसके बाद कांग्रेस कमेटी ने मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। जालोर की घटना से आहत होकर बारां के कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने अपने विधायक पद से इस्तीफा भी दे चुके हैं। वहीं नेताओं का मृतकों के परिजनों से मिलने का सिलसिला महीनों तक जारी रहा।

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6- राजस्थान सरकार छात्रों के भविष्य के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है लेकिन नकल माफिया सरकार के इस सपने को साकार होने नहीं दे रहे। राजस्थान में जो भी परीक्षा होती है उसका पेपर लीक होना तो जैसे अनिवार्य ही हो गया है। इन नकल माफिया का नेटवर्क इतना मजबूत है कि सरकार के सुरक्षाचक्र को भी ये धता बताकर उसे ध्वस्त कर पेपर आउट कर रहे हैं और हर साल लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हाल ही में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। जिसमें 3.74 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठने वाले थे। इस पेपर लीक मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। दूसरी तरफ इस पेपर लीक को लेकर भाजपा नेताओं आए दिन सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराते रहते हैं।

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