उज्जैन में बाबा महाकाल की सरकार! यहां कैसे रूकेंगे MP के नए मुखिया मोहन यादव? जो रूका उसकी गिर गई सरकार

उज्जैन। मध्यप्रदेश में कल यानी 11 दिसंबर को नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो गया है। शिवराज सिंह चौहान की​ विदाई के साथ ही मोहन यादव…

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उज्जैन। मध्यप्रदेश में कल यानी 11 दिसंबर को नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो गया है। शिवराज सिंह चौहान की​ विदाई के साथ ही मोहन यादव को मध्यप्रदेश का नया सीएम बनाया गया है। मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा के साथ उनके उज्जैन में रात्रि विश्राम को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। किवदंती है कि उज्जैन में कोई दूसरा राजा रात नहीं रुक सकता। क्योंकि महाकालेश्वर यहां के महाराजा हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री के यहां रात्रि विश्राम से बचते हैं। वे इंदौर, देवास में रात्रि विश्राम करते हैं। पीएम मोदी सिंहस्थ में उज्जैन आए थे, तब उन्होंने शहर से 11 किलोमीटर दूर निनोरा में रात्रि विश्राम किया था।

अब ये सवाल चर्चा में है कि उज्जैन में सीएम मोहन यादव कैसे रुकेंगे। ऐसे में आपको बता दें कि इस पर महाकाल के पुजारियों ने कुछ उपाय बताए हैं। जिसके बाद माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश के नए सीएम यहां रुक पाएंगे।

कांग्रेस ने की बहस की शुरुआत…

दरअसल, इस बहस की शुरुआत कांग्रेस ने की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विंग के चेयरमैन केके मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि मध्य प्रदेश के नवघोषित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई और शुभकामनाएं। क्या कोई सनातनी यह बताएगा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में अब दो राजा कैसे रहेंगे?

महाकाल के पुजारी ने ढूंढा ये उपाय…

मोहन यादव को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू होने के बाद महाकाल के प्रमुख पुजारी ने जवाब दिया है। महाकाल के प्रमुख पुजारी रमन त्रिवेदी का कहना है कि डॉ. मोहन यादव उज्जैन में एक सीएम के तौर पर नहीं बल्कि महाकाल के सेवक के रूप में उज्जैन में रात्रि विश्राम कर सकते हैं। उनके यहां रात्रि विश्राम को लेकर कोई परेशानी नहीं आएगी क्योंकि वो यहीं के निवासी है।

महेश पुजारी का कहना है कि सीएम मोहन यादव की उज्जैन जनमस्थली है। वे कभी भी यहां एक सीएम के रूप में नहीं रुक पाएंगे, लेकिन हमेशा महाकाल के सेवक के रूप में रह सकते हैं। महाकाल के एक और पुजारी पंडित प्रदीप गुरु का कहना है कि सीएम डॉ. मोहन यादव को परंपरा पता है। वे जानते हैं कि क्या करना है।
वहीं पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि मोहन यादव सीएम बाद में हैं। वे पहले यहां की निवासी हैं। उनके यहां रात्रि विश्राम में कोई अड़चन नहीं हैं।

मोहन यादव सीएम बनने वाले उज्जैन के दूसरे नेता…

मोहन यादव उज्जैन से दूसरे नेता हैं, जो मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं। 52 साल पहले 1972 में कांग्रेस के प्रकाश चंद्र सेठी सीएम बने थे। वे भी उज्जैन के थे। यह धर्म नगरी उज्जैन के लिए बड़े गौरव की बात है उज्जैन से विधायक रहे डॉक्टर मोहन यादव प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे।

उज्जैन से उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके डॉक्टर मोहन यादव अब भोपाल में रहकर प्रदेश की कमान संभालेंगे। उज्जैन के लिए बड़े ही गर्व की बात है कि उज्जैन से तीसरी बार के विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है, जिसे लेकर कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा गया है।

बहुत पुरानी है यह परंपरा…

दरअसल, यह कोई नई परंपरा नहीं है। अवंतिका नगरी में राजा विक्रमादित्य की यह राजधानी थी। राजा भोज के समय से ही उज्जैन में कोई रात में नहीं रुकता था। इस मंदिर का निर्माण 1736 में हुआ है। परंपरा का पालन लोग उसी समय से करते आ रहे हैं।

महाकाल के दरबार में एक साथ नहीं रूक सकते हैं दो राजा…

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में यह मान्यता बहुत लंबे समय से चली आ रही है, कि जो भी राजनेता बाबा महाकाल के दरबार में रात गुजारते हैं, उनकी सत्ता में वापसी नहीं हो पाती। दरअसल बाबा महाकाल को उज्जैन का राजाधिराज माना जाता है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल के दरबार में एक साथ दो राजा नहीं रूक सकते हैं। अगर कोई मंत्री या मुख्यमंत्री गलती से भी यहां रात गुजारता है तो उसकी सत्ता में वापसी की राह मुश्किल हो जाती है।

कई नेताओं की गई सरकार…

जानकर बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई एक रात उज्जैन में ठहरे थे, लेकिन अगले ही दिन उनकी सरकार गिर गई थी। वहीं एक उदाहरण के अंतर्गत बताया जाता है कि कर्नाटक के मुख्मंत्री येदियुरप्पा भी उज्जैन में रात में ठहरे थे, जिसके बाद महज कुछ ही दिनों में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ. मोहन यादव बेहद सरल और सहज अंदाज से जनता का दिल जीतने का दम रखते हैं, तो वहीं बीजेपी के बेहद सामान्य कार्यकर्ता से अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले मोहन यादव अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपना सियासी भविष्य आगे बढ़ाएंगे।