Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी को कोई क्यों करना चाहता शादी, क्या है धार्मिक मान्यता?

Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता की शादी हुई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन कोई भी शादी क्यों नहीं करना चाहता नहीं तो यहां जानिए….

vivah panchami 2023 | Sach Bedhadak

Vivah Panchami 2023: भगवान राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ को विवाह पंचमी के तौर पर मनाया जाता है। कहते हैं कि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और सीता का विवाह हुआ था, इसलिए इस तिथि को विवाह पंचमी भी कहा जाता है। हर साल विवाह पंचमी के दिन भगवान राम ओर माता सीता की वर्षगांठ मनाई जाती है। इस साल विवाह पंचमी मार्गशीर्ष में 17 सितंबर, 2023 को रविवार को है।

मार्गशीर्ष पंचमी पर अयोध्या और नेपाल में विशेष आयोजन और बड़ी संख्या में पूजन और अनुष्ठान भी किए जाते हैं। यह दिन भगवान राम और माता सीता की उपासना के लिए बड़ा ही शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दिन शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को करने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

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विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 16 दिसंबर रात 8 बजे से शुरू होकर अगले दिन 17 दिसंबर की शाम 5 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, 17 दिसंबर, 2023 को ही विवाह पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन पूजा के लिए तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 8:24 से लेकर दोपहर 12:01 तक है। दोपहर का शुभ मुहूर्त 1:34 से लेकर 2:52 तक है. इसके बाद शाम को शुभ मुहूर्त 05:02 से लेकर रात 10:34 तक है।

विवाह पंचमी पर क्यों नहीं करते शादी?

देवउठनी एकादशी के बेद से ही सभी मांगलिक और शुभ कार्यों पर लगी पाबंदी समाप्त हो जाती हैं और इसके बाद लोग शुभ मुहूर्त देखकर विवाह कर सकते हैं, हालांकि इस दौरान विवाह पंचमी भी पड़ती है, जिसमें शादी करना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को करना अच्छा नहीं माना जाता है।

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यह है धार्मिक मान्यता

हिंदू धर्म में विवाह पंचमी को बेहद ही शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दि मर्यादा पुरुषोत्तम राम और माता-सीता के विवाह का दिन है, लेकिन भगवान श्रीराम को मिले 14 साल के वनवास और उसके बाद हुई कई घटनाओं के बाद माता सीता को अपने जीवन में काफी कष्ट सहने पड़े थे। इसलिए विवाह पंचमी के दिन शादियां नहीं की जाती हैं।