नाग पंचमी पर भूलकर भी ना करें ये काम, 7 पीढ़ियों को भुगतना पड़ सकता है दोष!…जानें पूजा का सही तरीका

सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है और यह हिंदुओं का प्रमुख पर्व है।

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Nag Panchami: देशभर में 21 अगस्त यानी आज नाग पंचमी (Nag Panchami) का पर्व मनाया जा रहा है। सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है और यह हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। इस दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। कई जगह नाग पंचमी का व्रत भी रखा जाता है। मान्यता है कि नाग पंचमी का व्रत करने से नाग देवता सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। खास बात ये है कि आज सावन का सोमवार भी है।

ऐसे में नाग पंचमी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि भगवान शिव भी नाग को अपने गले में धारण करते है। आज शुभ नामक योग बना है और चित्रा नक्षत्र भी है। लेकिन, आपको यह जानना काफी जरूरी है कि इस दिन नाग देवता की कैसे पूजा करें और क्या ना करेंगे।

भूलकर भी ना करें ये काम

नाग पंचमी के दिन नवनाग की पूजा की जाती है और नाग को दूध से नहलाया जाता है। लेकिन, कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। लेकिन, ऐसा करना सही नहीं है। क्योंकि नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने के कारण उनकी मौत हो जाती है। जिससे बड़ा पाप लगता है। शास्त्रों में भी नाग को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है।

नाग पंचमी के दिन भी भूलकर भी सांप को नहीं मारना चाहिए। इतना ही नहीं, इस दिन सांप को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, ऐसे करने से बड़ा पाप लगता है और 7 पीढ़ियों तक इसका असर रहता है। इसके लिए ध्यान रहे कि नाग पंचमी के दिन पेड़-पौधों की कटाई और जमीन की खुदाई ना करें। अगर घर में सांप भी निकल जाएं तो उसे बाहर फेंक देना चाहिए। नाग पंचमी के दिन सिलाई, कढ़ाई का काम करना बहुत ही अशुभ होता है। इसके अलावा इस दिन सुई-धागे का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए। यह भी ध्यान रहे कि इस दिन नुकीली चीजें जैसे कैंची, चाकू आदि का भी उपयोग ना करें।

ऐसे करें नाग देवता की पूजा

नाग पंचमी के दिन नवनाग की पूजा की जाती है और नाग देवता को दूध ने स्नान कराया जाता है। नागदेव की सुगंधित पुष्प व चंदन से ही पूजा करनी चाहिए, क्योंकि नागदेव को सुगंध प्रिय है। इस दिन नागदेव का दर्शन अवश्य करना चाहिए। अगर ऐसा संभव ना हो तो नाग देवता के निवास स्थान यानी सांप की बांबी की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा का जाप करना चाहिए। इससे सर्पविष दूर होता है।

इसके अलावा आप घर की दीवार पर भी गेरू पोतकर पूजन का स्थान बना सकते है। फिर कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे गेरू पुती दीवार पर घर जैसा बनाए और उसमें नागदेवों की आकृति बनाए। इसके बाद नाग देवता की दधि, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चा दूध, रोली और चावल आदि से पूजन कर सेंवई व मिष्ठान से उनका भोग लगाते हैं।

नाग देवता की पूजा का शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी आज कई शुभ योग भी बने है, ऐसे में शुभ मुहूर्त में नाग देवता की पूजा करने से उत्तम फल मिलेगा। आज पूजा-अर्चना से नाग देवता के साथ-साथ शिवजी भी प्रसन्न होंगे। नाग देवता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 4.26 से 5.9 बजे तक है। इसके अलावा विजय मुहूर्त दोपहर 2.34 से 3.27 बजे तक, निशिथ काल मध्‍यरात्रि 12.2 से 12.46 बजे, गोधूलि बेला सुबह 6.55 से 7.17 बजे और अमृत काल सुबह 9.9 से 10.46 बजे तक है।

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