Rajasthan Election 2023: जयपुर शहर की 8 सीटें तय करेंगी प्रदेश की राजनीति! पिछली बार इन 5 सीटों पर था कांग्रेस का कब्जा

राजधानी जयपुर से पूरे प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदू माना जाता है। जानकार मानते है कि प्रदेश की राजनीति शहर के भीतर के राजनीतिक माहौल से तय होती है। यहां जो जीतता है वही सत्ता की सीढ़ियां चढ़ता है।

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Rajasthan Election 2023: राजधानी जयपुर से पूरे प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदू माना जाता है। जानकार मानते है कि प्रदेश की राजनीति शहर के भीतर के राजनीतिक माहौल से तय होती है। यहां जो जीतता है वही सत्ता की सीढ़ियां चढ़ता है। जयपुर शहर में कुल 8 विधानसभा सीटें है। इनमें सिविल लाइंस, आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, मालवीय नगर, विद्याधर नगर, बगरू और सांगानेर विधानसभा शामिल हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां पर कुल 8 सीटों में से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, बीजेपी के खाते में 3 सीटें गईं।

खाचरियावास बनाम शर्मा

सिविल लाइंस सीट से कांग्रेस ने एक बार फिर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को अपना उम्मीदवार बनाया है, पिछली बार भी उन्होंने यहां से जीत हासिल की थी। बीजेपी ने यहां अपना नया उम्मीदवार उतारा है। यहां से गोपाल शर्मा बीजेपी के उम्मीदवार हैं। यह सीट ब्राह्मण बाहुल्य है। इस सीट पर राजपूत, वैश्य, मुस्लिम और माली मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं।

रफीक खान बनाम रवि नैय्यर

इस सीट पर भी बीजेपी ने अपना उम्मीदवार को बदल कर रवि नैय्यर को अपना उम्मीदवार बनाया है। रवि नैय्यर को संघ का करीबी माना जाता है। कांग्रेस ने विधायक रफीक खान पर एक फिर भरोसा जताया है। यह विधानसभा सीट वैश्य और मुस्लिम बहुल है, यहां पंजाबी और सिंधी सिख मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। ब्राह्मण और दलित मतदाता यहां जीत-हार के समीकरण भी तय करते हैं।

जोशी का टिकट काट आरआर तिवारी को मौका

कांग्रेस ने हवामहल सीट से मंत्री महेश जोशी का टिकट काट कर आरआर तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। आरआर तिवारी 45 सालों से कांग्रेस के कार्यकर्ता के रुप में काम कर रहे है। वर्तमान में तिवारी पार्टी के जयपुर जिला अध्यक्ष भी हैं। वहीं, बीजेपी ने यहां पर हिंदू कार्ड खेलते हुए बालमुकुंद आचार्य को मैदान में उतारा है।

किशनपोल में कागजी के सामने बटवाड़ा

किशनपोल सीट की बात करें तो कांग्रेस ने एक बार फिर विधायक अमीन कागजी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कागजी ने पिछला विधानसभा चुनाव महज 700 वोटों के अंतर से ही जीता था। किशनपोल सीट पर बीजेपी ने इस बार नए उम्मीदवार चंद्रमोहन बटवाड़ा को मैदान में उतारा है। यहां मुस्लिम वोटरों के साथ-साथ वैश्य वोटर भी बड़ी संख्या में हैं। इसके अलावा ब्राह्मण और दलित मतदाता जीत और हार के समीकरण तय करते हैं।

तीसरी बार अर्चना बनाम सराफ

मालवीय नगर सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपने पुराने उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। बीजेपी ने विधायक कालीचरण सराफ और कांग्रेस ने अर्चना शर्मा को मैदान में उतारा है। इस सीट से बीजेपी लगातार जीतती आ रही है, ऐसे में कांग्रेस के लिए उनके किले में सेंध लगाना चुनौती है.

बीजेपी का गढ़ में दीया कुमारी

शहर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट को लेकर इस बार खूब चर्चा हो रही है. विद्याधर नगर सीट पर बीजेपी ने मौजूदा विधायक नरपतसिंह राजवी का टिकट काट दिया है और सांसद दीया कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। नरपत सिंह राजवी पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत के दामाद हैं। राजवी का टिकट कटने की भी खूब चर्चा हुई। हालांकि, बीजेपी ने राजवी को चुनाव लड़ने के लिए चित्तौड़गढ़ भेज दिया. कांग्रेस ने यहां से सीताराम अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह सीट बीजेपी का गढ़ रही है।

सांगानेर में भारद्वाज बनाम शर्मा

सांगानेर से बीजेपी ने मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने अपने पूराने उम्मीदवार को रिपीट किया है। इस सीट पर भी ब्राह्मण मतदाता सबसे ज्यादा हैं। वैश्य, दलित और सिंधी मतदाताओं की भी अच्छी खासी इस विधानसभा में संख्या है। इस सीट पर स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा काफी अहम हो गया है। भजनलाल शर्मा जयपुर के बाहर के रहने वाले हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को जोरों शोरों से उठा रही है।

बगरु में फिर पूरानी तस्वीर

बगरू सीट से दोनों पार्टियों ने अपने पुराने उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। यहां ब्राह्मण वोटर बड़ी संख्या में हैं, वहीं, इस सीट पर दलित वोटर भी अच्छी खासी तादाद में हैं। दलितों में बलई सबसे अधिक हैं। भाजपा ने कैलाश वर्मा और कांग्रेस ने विधायक गंगा देवी को उम्मीदवार बनाया है।