राजस्थान के चुनावी मैदान में राजकुमारी, आखिर क्यों सांसद दीया कुमारी को BJP ने दिया टिकट

बीते दिनों बीजेपी की जयपुर में हुई अहम बैठक में अमित शाह ने दीया कुमारी से अलग से चर्चा की थी.

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनावों की बिसात बिछ चुकी है जहां चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी आलाकमान ने राज्य में 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है जिसमें 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा गया है.

वहीं बीजेपी ने जयपुर की विद्यानगर विधानसभा से राजसमंद सांसद और जयपुर राजघराने की सदस्य दीया कुमारी को मैदान में उतारा है. हालांकि दीया कुमारी को लेकर पहले भी अटकलों का दौर चल रहा था. वहीं दीया को राज्य में सीएम फेस के लिए वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर भी कई नामों की चर्चाएं हो रही हैं.

‘राजकुमारी’ को जयपुर से मौका

विद्याधर नगर से टिकट पाने वाली सांसद दीया कुमारी जयपुर पूर्व राजपरिवार से हैं और 52 वर्षीय दीया कुमारी जयपुर के पूर्व महाराजा मानसिंह द्वितीय की पोती है. वहीं 2013 में जिस वक्त पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने की चर्चाएं चल रही थी उसी समय दीया कुमारी ने बीजेपी का दामन थामा था. वहीं बीजेपी में आते ही वह सवाई माधोपुर सीट से चुनाव लड़ी और जीत हासिल की. इसके बाद साल 2019 में राजसमंद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वह लोकसभा पहुंची.

राजपूत वोटर्स की जुगत

मालूम हो कि पिछले चुनावों से पहले गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजपूत वोटबैंक बीजेपी से छिटक गया था जिसके बाद बीजेपी इस बार राजपूत वोटबैंक फिर से मजबूत करने की रणनीति पर चल रही है. बीते दिनों राजेंद्र सिंह राठौड़ को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था.

इसके बाद अब दीया कुमारी को प्रमोट कर बीजेपी राजपूत समाज में संदेश देना चाहती है. मालूम हो कि राजस्थान में राजपूत आबादी करीब 14 फीसदी हैं जो 60 विधानसभा सीटों पर असर रखते हैं. वहीं बताया जा रहा है कि दीया कुमारी को बीजेपी विधानसभा चुनाव भी लड़वा सकती है.

आलाकमान के भरोसे में दीया

वहीं गौरतलब है कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अपने तीखे तेवर की वजह से जानी जाती है और बताया जाता है कि उनकी हाईकमान से भी तल्खियां समय-समय पर रही हैं. इसके अलावा वह पार्टी के कई कार्यक्रमों में शामिल नहीं होती है. इसके दूसरी ओर दीया कुमारी टॉप नेतृत्व की नजरों में है और पिछले 5 सालों में वह पार्टी का भरोसा जीतने में सफल हुई हैं.