पूर्वी राजस्थान में BJP की अग्नि परीक्षा, किरोड़ी और बैंसला पर चला दांव…ERCP का मुद्दा कर सकता है मजा खराब!

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी 41 नाम की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट पूर्वी राजस्थान से दो बड़े चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा गया है।

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी 41 नाम की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट पूर्वी राजस्थान से दो बड़े चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। जहां राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को सवाईमाधोपुर से तो वहीं, विजय बैंसला को टोंक के देवली उनियारा विधानसभा का टिकट मिला है। बता दें कि पूर्वी राजस्थान गुर्जर और मीना बाहुल्य है। इस लिए यहां से जीतने हासिल करने के लिए गुर्जर और मीणा प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है।

किरोड़ी, बैंसला के बहाने 40 सीटों पर निशाना

जानकारों की माने तो पूर्वी राजस्थान में विजय बैंसला और किरोड़ी लाल मीणा का मैदान में उतार कर पार्टी ने पूर्वी राजस्थान सहित 40 सीटों पर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। जहां लगातार किरोड़ी लाल मीणा दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर, भरतपुर सहित टोंक के कुछ हिस्से में लगातार सक्रिय रहे है।

माना जा रहा है कि उनकी सक्रियता का फायदा पार्टी को मिलने वाला है। यहीं, कारण है कि पार्टी ने विजय बैंसला और किरोड़ीलाल मीणा पूर्वी राजस्थान से एक साथ मैदान में उतारा है।

पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस का ERCP पर दांव

पूर्वी राजस्थान की बात करें तो यहां पर कुल 40 विधानसभा सीटें हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस ERCP को मुद्दा बना 15 अक्टूबर से पूर्वी राजस्थान में बीजेपी को ERCP के मुद्दे पर घेरने का प्रयास करेगी। वहीं, बीजेपी ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को यहां से मैदान में उतारकर कर बड़ा कदम उठाया है। वहीं, एमबीसी समाज के लगातार आवाज उठाने पर विजय बैंसला के साथ पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है।

पूर्वी राजस्थान में बीजेपी सबसे कमजोर स्थिति में

विधानसभा सीटों के लिहाज से पूर्वी राजस्थान में बीजेपी सबसे कमजोर स्थिति में है। पूर्वी राजस्थान के 5 में से 4 जिले ऐसे हैं जहां पिछले चुनाव में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था। वहीं, पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों में से धौलपुर जिले में बीजेपी ने एक सीट जीती थी। शोभारानी कुशवाह यहां से बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंची थीं।

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। ऐसे में पूर्वी राजस्थान में बीजेपी के पास एक भी विधायक नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने पूर्वी राजस्थान पर खास फोकस किया है।