Jodhaiya Bai Baiga: आइए जानते हैं 67 वर्ष की उम्र में चित्रकारी सीखने वाली पद्मश्री से समानित जौधैया बाई बैगा के बारे में

Jodhaiya Bai Baiga: हर वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के दिन पद पुरस्कारों के बारे में ऐलान किया जाता है। इस वर्ष 106 लोगों…

Jodhaiya Bai Baiga: हर वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के दिन पद पुरस्कारों के बारे में ऐलान किया जाता है। इस वर्ष 106 लोगों को पद्म पुरस्कार दिया गया। इसमें से 91 पद्मश्री पुरस्कार, 9 पद्मभूषण और 6 पद्म विभूषण पुरस्कार दिए गए। इस सूची में से 106 नामों में से 19 महिलाओं के नाम थे। इन महिलाओं में शामिल हैं सुधा कल्याणम, अभिनेत्री रवीना टंडन, एवं अन्य। इसमें कई महिलाएं ऐसी भी थी जिन्होंने समाज के विकास के लिए अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है या अभी भी दे रही हैं और कई महिलाएं अपने काम से महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी देती रही हैं। पद्म पुरस्कार मिलने वालों में से एक महिला का नाम है जौधैया बाई बैगा जो मध्य प्रदेश से आती हैं। आइए जानते हैं आज हम जौधैया बाई बैगा के बारे में।

कौन और कहां से हैं जोधैया बाई बैगा

Jodhaiya Bai Baiga 1 | Sach Bedhadak

मध्य प्रदेश की रहने वाली जौधैया बाई बैगा जनजाति से तालुकात रखती हैं। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में रहने वाली है और काफी उम्र हो जाने के बाद चित्रकारी सीखकर वो दुनियाभर में फेमस हो गई। इसके अलावा उन्होंने कला के क्षेत्र में बहुत अद्भुत काम भी किया है।

Jodhaiya Bai Baiga: लकड़ी बेच कर अक्सर करना पड़ता था गुजारा

जोधैया बाई बैगा ने अपने इलाके की अन्य महिलाओं की तरह ही एक बहुत ही साधारण जिंदगी में गुजारा किया है। वह अक्सर गोबर और लकड़ियों को बेचकर अपने पति की मदद करके अपना घर चलाने की कोशिश करती थी। अपने जीवन पर्यंत उन्होंने दो वक्त की रोटी के अलावा ज्यादा कुछ नहीं सोचा। उनके पति एक मजदूर थे। इसके बाद उम्र के एक बड़े हिस्से के बीत जाने के बाद उन्होंने चित्रकारी सीखने का फैसला किया।

Jodhaiya Bai Baiga 2 | Sach Bedhadak

67 साल की उम्र में चित्रकारी सीखकर किया सबको चकित

Jodhaiya Bai Baiga: जब जौधैया बाई बैगा के पति का देहांत हो गया तो उन्होंने अपने लिए चित्रकारी सीखने का फैसला किया। 67 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी जिंदगी को कला की ओर ले जाने का फैसला लिया। इसके पीछे उनका कुछ नया सीखने का प्रयास था। उन दिनों दिवंगत और महान कलाकार आशीष स्वामी जनगण तस्वीर खाना चलाते थे। इसी स्टूडियो में जाकर के जौधैया बाई बैगा जी ने चित्रकारी सीखी। शुरुआत के दिनों में सबसे पहले उन्होंने फर्श पर रंगोली बनाना सीखा। फिर सब्जियों पर चित्रकारी करना और बाद में लकड़ी पर भी अपनी कला को उभारा। इसके बाद उन्होंने कागज पर चित्रकारी सीखते हुए हैंड मेड पेपर और कैनवस पर भी चित्रकारी करना शुरू किया।

Jodhaiya Bai Baiga: इटली तक में लगी है उनकी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी

जौधैया भाई की पेंटिंग्स सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रदर्शित की जा चुकी हैं। साल 2019 में इटली देश में भी उनकी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगी थी और वर्ष 2022 में उनके कार्य के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनको नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।

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