देश में 1570 करोड़ की लागत से खुलेंगे 157 नर्सिंग कॉलेज, नई चिकित्सा उपकरण नीति बनकर तैयार

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर 1570 करोड़…

157 nursing colleges will be opened in the country at a cost of 1570 crores, new medical equipment policy prepared

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर 1570 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। कैबिनेट ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति को मंजूरी दी। साथ ही एमबीबीएस के लिए 1 लाख 6 हजार सीटें रखी हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 

उन्होंने कहा कि देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे तथा इन्हें अगले 24 महीने में पूरा करके राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इसके लिए 1570 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस फैसले का मकसद देश में नर्सिंग क्षेत्र के पेशेवरों की संख्या बढ़ाने के साथ गुणवत्तापूर्ण, वहनीय एवं समावेशी नर्सिंग शिक्षा प्रदान करना है। इस कदम से, हर साल लगभग 15,700 नर्सिंग स्नातक कार्यबल में और जुड़ेंगे। इन नर्सिंग कॉलेजों में हरित प्रौद्योगिकियों के उपयोग का भी पता लगाया जाएगा।

मंडाविया ने कहा कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश राज्यों में 4 चिकित्सा उपकरण पार्क की स्थापना के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत पहले ही कर दी है। अब तक कुल 26 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें 1206 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और इसमें से अब तक 714 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया जा चुका है।

जहां मेडिकल कॉलेज, वहीं नर्सिंग कॉलेज 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, जिस राज्य में जितने मेडिकल कॉलेज होंगे उतने ही नर्सिंग कॉलेज भी दिए जाएंगे। जहां मेडिकल कॉलेज है, वहां ही 10 करोड़ रुपए के सहयोग से एक नर्सिंग कॉलेज बनाया जाएगा। 40 प्रतिशत नर्सिंग कॉलेज सिर्फ 4 राज्यों मे हैं। बिहार में मात्र 12 ( 2 सरकारी और 10 प्राइवेट) नर्सिंग कॉलेज थे लेकिन अब 8 कॉलेज और मिलेंगे। 

अगले पांच वर्षों में 50 अरब डालर का होगा चिकित्सा उपकरण क्षेत्र

मांडविया ने बताया कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को लेकर छह सूत्री रणनीति तैयार की गई है तथा इसे लागू करने के लिए कार्य योजना भी तैयार की गई है। चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के अगले पांच वर्षों में वर्तमान 11 अरब डाॅलर (करीब 90 हजार करोड़ रुपए) से बढ़कर 50 अरब डाॅलर होने की उम्मीद है। देश में 75 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों का आयात किया जाता है। इस स्थिति में देश में ही चिकित्सा उपकरण बनाएं जाएं, जरूरत को पूरा किया जा सके और निर्यात भी हो, इसके लिए समग्र प्रयास किये जाने की जरूरत महसूस की गई।

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