नए संसद की शान बनेगा ‘सेंगोल’, जानें 14 अगस्त 1947 की रात से क्यों जुड़ा है इतिहास?

नई दिल्ली। आगामी 28 मई को नई संसद का उद्घाटन समारोह होगा। इसके लिए केंद्र सरकार जोर-शोर से तैयारियां कर रही है। आज इसे लेकर…

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नई दिल्ली। आगामी 28 मई को नई संसद का उद्घाटन समारोह होगा। इसके लिए केंद्र सरकार जोर-शोर से तैयारियां कर रही है। आज इसे लेकर अमित शाह ने भी प्रेस कांफ्रेंस करते हुए इसके बारे में जानकारी दी और विपक्ष के आरोपों के जवाब भी दिए। अमित शाह ने सेंगोल नामक प्रतीक को भी नई संसद में स्थापित करने की बात की। इस सेंगोल के बारे में अमित शाह ने भी कुछ जानकारी दी है।

सेंगोल को लेकर अमित शाह ने कहा कि सेंगोल का संबंध तमिलनाडु से है। इस राजदंड का अर्थ ‘संपदा से संपन्न’ होता है। संगोल संगु शब्द से बना है, जिसका अर्थ शंख होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए एक प्रतिनिधि से सेंगोल लेंगे और फिर नए संसद भवन में इसे स्थापित करेंगे।

Transfer Of Power का है प्रतीक

सेंगोल के बारे में इतिहास बताता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने साल 1947 में अंग्रेजों से ये सेंगोल स्वीकार किया था। जब भारत को आजादी मिली थी। यह सत्ता के हस्तांतरण यानी Transfer Of Power का प्रतीक है। यह सदियों पुरानी परंपरा है, जिसे तमिल भाषा में सेंगोल कहा जाता है। आजादी के 75 साल बाद भी जनता को इसकी जानकारी नहीं है।

दरअसल सेंगोल को संग्रहालय में नहीं रखा जाता। यह उसके पास रहता है जिसे सत्ता या शक्ति दी जाती है या स्थानानंतरित की जाती है। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सेंगोल के बारे में रिसर्च करवाई हुई है। इसके बाद इसे देश के सामने संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के बगल रखने का फैसला लिया गया। इससे पहले यह सेंगोल इलाहाबाद में रखा हुआ था।

श्रमयोगियों के होगा सम्मान

गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन को 60,000 श्रमयोगियों ने रिकॉर्ड समय में बनाया है। इसलिए पीएम इस मौके पर सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। राजनीति तो चलती रहती है। हमने सबको आमंत्रित किया है। हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम में शामिल हो।

19 पार्टियों ने किया है बहिष्कार

बता दें कि नए संसद भवन पर लगातार हंगामा जारी है। 19 विपक्षी पार्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), TMC, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK),राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल-यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, करेला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी अन्य मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम (MDMK) शामिल हैं। ये सभी पर्टियां 28 मई के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगी।

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