क्या है PPI, किस तरह के UPI पेमेंट पर 1.1% का सरचार्ज, बैंक टू बैंक ट्रांसफर पर क्या असर…सारे सवालों के जवाब यहां जानिए

हाल ही में NPCI (National Payments Corporation of India) ने नया सर्कुलर जारी किया है। जिसके मुताबिक अब 1 अप्रैल से UPI से पेमेंट करने…

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हाल ही में NPCI (National Payments Corporation of India) ने नया सर्कुलर जारी किया है। जिसके मुताबिक अब 1 अप्रैल से UPI से पेमेंट करने पर अब 1.1 प्रतिशत का सरचार्ज देना होगा। जिसके बाद कई लोगों में यह चर्चा छिड़ गई थी कि क्या अब हर पेमेंट पर हमें इतना सरचार्ज चुकाना होगा। हालांकि इसमें कहा गया था कि 2000 रुपए से ऊपर के पेमेंट पर यह सरचार्ज देना होगा। लेकिन कई लोगों में इसे लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां थी, जिसे बीते बुधवार NPCI ने दूर कर दिया है और हर सवाल का जवाब दिया है।

PPI के जरिए हुए ट्रांजैक्शन पर ही सरचार्ज

जिसमें उन्होंने कहा है कि 2000 रुपए से ऊपर के पेमेंट पर 1.1% का सरचार्ज उसी पर लगेगा। जो इंटरचेंज फीस प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी PPI ( Prepaid Payment Instrument) के जरिए होगी। लेकिन कई लोगों में अब भी यह सवाल है कि आखिर यह PPI क्या है और कौन से पेमेंट या ट्रांजैक्शन इस PPI के तहत आते हैं? किस पर उन्हें यह सरचार्ज देना होगा?

आखिर क्या है PPI?

दरअसल हम जो Paytm, Phone Pay, Google Pay एप के वॉलेट यूज़ करते हैं, उसमें हम बैंक से पैसे रखते हैं और उससे हम कई तरह के पेमेंट या रिचार्ज करते हैं। इसके अलावा स्मार्ट वाउचर, स्मार्ट कार्ड और कई दूसरे प्रीपेड भुगतान PPI में ही आते हैं। इन्हें ही प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (Prepaid Payment Instrument) कहते हैं। अगर साफ शब्दों में आप को समझाएं तो वह पेमेंट एप जो पहले से डाले गए पैसे से बिल पे करते हैं या ट्रांजैक्शन करते हैं वह PPI होते हैं।

ऐसे समझें…

उदाहरण के लिए जैसे आप अपने Phone Pay या Paytm वॉलेट में पहले पैसे डालते हैं, उसके बाद उस वॉलेट वाले पैसे से आप शॉपिंग करते हैं या कोई बिल पेमेंट करते हैं तो उस पर 1.1 प्रतिशत का सरचार्ज लगेगा। बशर्ते वह पेमेंट 2000 रुपए से ऊपर का हो।

कौन देगा फीस ?

अब यहां बात यह भी आती है कि क्या ग्राहक सीधे तौर पर 1.1% का सरचार्ज देगा। तो ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि मर्चेंट PPI के जरिए 2000 रुपए से ज्यादा का जो ट्रांजैक्शन किया जाएगा, उस UPI ट्रांजैक्शन पर रिसीवर बैंक या पेमेंट प्रोवाइडर को भुगतान किया जाएगा। यानी हमें कोई पेमेंट नहीं करना है, किसी तरह के सरचार्ज का पैसा नहीं देना है।

ऐसे समझिए पूरा प्रोसेस

इसका एक उदाहरण आपको बताते हैं कि जैसे हमने किसी दुकान से कोई सामान खरीदा और हम उसका पेमेंट अपने पेटीएम वॉलेट से कर रहे हैं और उस मर्चेंट के क्यूआर कोड को स्कैन कर रहे हैं। तो क्यूआर कोड को स्कैन जब हम करते हैं और पेमेंट करते हैं तो वह पैसा सीधे उस दुकान के मालिक के बैंक खाते में जाएगा। अगर यह पेमेंट 2000 रुपए से ज्यादा का है, तो इस पर 1.1% का सरचार्ज यानी इंटरचेंज फीस लगेगी। जो व्यापारी को देना होगा यानी हमें वह पैसा नहीं देना है। हम जिसके अकाउंट में पैसे डाल रहे हैं, वह सरचार्ज उस रिसीवर के खाते पर लगेगा। वह पैसा रिसीवर को पे करना होगा।

बैंक टू बैंक पर लगेगा सरचार्ज?

यहां एक भ्रांति यह भी है। कई लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या UPI के जरिए अगर बैंक टू बैंक ट्रांसफर करते हैं 2000 रुपए से ज्यादा का तो, क्या उसमें भी हमें यह सरचार्ज देना होगा? तो यहां हम आपको बता दें कि NPCI ने जो नया सर्कुलर जारी किया है उसके मुताबिक हम अगर पेमेंट UPI के जरिए वॉलेट से करते हैं तो ही सरचार्ज लगेगा ना कि बैंक टू बैंक ट्रांसफर करने पर लगेगा। यानी अगर हम सीधे बैंक टू बैंक ट्रांसफर करते हैं, किसी भी पेमेंट ऐप को यूज करते हुए, तो उसमें कोई भी सरचार्ज नहीं लगेगा।

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