मंगल ध्वनि से होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा विधि की शुरुआत…10 लाख दीपों से जगमग होगी अयोध्या

भक्तिभाव से विभोर अयोध्या धाम आज होने वाली राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक आयोजन के लिए सज गई है।

Ram Lalla Pran Pratishtha Live

Ram Lalla Pran Pratishtha Live : अयोध्या। भक्तिभाव से विभोर अयोध्या धाम आज होने वाली राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक आयोजन के लिए सज गई है। श्रीराम मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पूरे परिसर को अभेद्य और अचूक सुरक्षा कवच के बीच कर दिया गया है। मंदिर परिसर में रविवार को प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित अनुष्ठान हुए। मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्तिस्थापित की जा चुकी है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि आज दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी। दोपहर एक बजे प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत मंगल ध्वनि से होगी। विभिन्न राज्यों 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना के साक्षी बनेंगे। 

प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर को खूबसूरत लाइटों से सजाया गया। जिनकी रंगबिरंगी रोशनी मन मोह रही है। सरयू घाट पर रविवार शाम को विधि-विधान के साथ संध्या आरती हुई। इस दौरान श्रद्धालु और पर्यटक घाट पर मौजूद रहे। इस बीच,प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आमंत्रित विशिष्ट अतििथ पहुंचने लग गए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंच गए हैं। दूसरी ओर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूरा होने के बाद 22 जनवरी की शाम अयोध्या 10 लाख दीपों से जगमगाएगी। 

अयोध्या सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्ण होने के उपरांत ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित कर दीपावली मनाई जाएगी। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आर. पी. यादव ने बताया कि 22 जनवरी की शाम 100 प्रमुख मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाए जाएंगे और इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि रामलला, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। 

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फहराया जाएगा ऐसा खास ध्वज

राम मंदिर पर फहराए जाने वाले खास ध्वज को मध्य प्रदेश के रीवा में तैयार किया गया है। इस ध्वज पर सूर्य के साथ खास कोविदार वृक्ष को अंकित किया गया है। सूर्य और कोविदार वृक्ष को इस ध्वज पर स्थान दिया गया है। दरअसल सूर्य भगवान राम के वंश (सूर्यवंशी) को दर्शाता है। वहीं माना जाता है कि किसी समय में कोविदार वृक्ष अयोध्या साम्राज्य की शक्ति और संप्रभुता का प्रतीक था।

114 कलशों के जल से कराया रामलला की मूर्ति काे स्नान, हुए कई अनुष्ठान

प्राण प्रतिष्ठा के छठे दिन रविवार सुबह 114 कलशों में औषधियुक्त जल एवं देश के विभिन्न तीर्थों से लाए गए पवित्र जल से श्रीरामलला की मूर्ति का स्नान सम्पन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में नित्य के पूजन, हवन और पारायण के साथ पूजा प्रक्रिया प्रारम्भ हुई, जो शाम तक जारी। श्रीरामलला के विग्रह को मध्याधिवास में रखा गया। चेन्नई, पुणे सहित कई स्थलों से मंगाएगये विविध फूलों से पूजन का अनुष्ठान सम्पन्न कराया जा रहा है। 

एनडीआरएफ की टीमों ने संभाला मोर्चा 

श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मदेद्नजर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। उप महानिरीक्षक 11 वाहिनी एनडीआरफ वाराणसी मनोज कु मार शर्मा के नेतृत्व में वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर से विशेष रूप से प्रशिक्षित एवं चिह्नित टीमों को तैनात किया गया है।