न्यूजक्लिक फंडिंग केस में फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ गिरफ्तार सहित एक गिरफ्तार, 46 लोगों से पूछताछ

मंगलवार 3 अक्टूबर की रात दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के साथ एक अन्य पत्रकार अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया। उन पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप है।

Rajasthan Police 10 | Sach Bedhadak

Newsclick Funding Case: मंगलवार 3 अक्टूबर की रात दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के साथ एक अन्य पत्रकार अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया। उन पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप है। सुबह 30 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई। 9 महिलाओं समेत 37 लोगों से पूछताछ की गई।

इससे पहले न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकार अभिसार शर्मा, उर्मिलेश और परंजॉय गुहा ठाकुरता को पुलिस अपने साथ ले गई थी। मुंबई पुलिस की एक टीम एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित घर भी पहुंची।

UAPA के तहत की गई कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत की है। 5 अगस्त को, न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया कि न्यूज़क्लिक को एक अमेरिकी अरबपति नोवेल रॉय सिंघम द्वारा वित्त पोषित किया गया था। वे चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने के लिए भारत समेत दुनिया भर के संगठनों को फंड देता हैं।

न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

इस रिपोर्ट के आधार पर 17 अगस्त को न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) (धर्म या नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के साथ-साथ यूएपीए (13, 16, 17, 18 और 22) की कई धाराएं लगाई गई हैं।

धारा 16 – आतंकवादी मामलों से संबंधित, धारा 17 – आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना, धारा 18 – साजिश के लिए सजा, धारा 22 सी – कंपनियों द्वारा किए गए अपराधों के लिए सजा।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने क्या कहा?

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने सोशल मीडिया पर कहा, हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। पीसीआई ने कहा, ”हम पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और सरकार से इस संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने की मांग करते हैं।”

क्या है आरोप?

न्यूज़क्लिक पर यह कार्रवाई चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए पैसे लेने के आरोप के बाद की गई है। यह वेबसाइट हाल ही में भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर खबरों में थी।