बिहारा में शिक्षा विभाग का कर्मचारियों के लिए नया ‘फरमान’, ऑफिस में जींस और टी-शर्ट बैन

बिहार के शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों को कार्यालय में जींस व टी-शर्ट जैसे ‘कैजुअल’ कपड़े न पहनने का निर्देश दिया और कहा कि यह चलन कार्यस्थलों की संस्कृति के खिलाफ है।

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पटना। बिहार के शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों को कार्यालय में जींस व टी-शर्ट जैसे ‘कैजुअल’ कपड़े न पहनने का निर्देश दिया और कहा कि यह चलन कार्यस्थलों की संस्कृति के खिलाफ है। शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) ने एक आदेश में कर्मचारियों के टी-शर्ट और जींस पहनकर कार्यालयों में आने पर आपत्ति जताई। आदेश में कहा गया है कि यह देखा गया है कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ऐसी पोशाक पहनकर कार्यालय आ रहे हैं जो कार्यालय संस्कृति के खिलाफ है। कार्यालय में अधिकारियों या अन्य कर्मचारियों का ‘कैजुअल’ कपड़े पहनना कार्यालय की कामकाज की संस्कृति के विरुद्ध है।

आदेश में कहा गया कि इसलिए सभी अधिकारी व कर्मचारी शिक्षा विभाग के कार्यालयों में ‘फॉर्मल’ कपड़े पहनकर आएं। शिक्षा विभाग के कार्यालयों में तत्काल प्रभाव से किसी भी ‘कैजुअल’ पोशाक खासकर जींस व टी-शर्ट पहनने की अनुमति नहीं होगी। आदेश पर बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर की प्रतिक्रिया जानने के लिए उनसे कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

सारण जिला मजिस्ट्रेट ने ‘ड्रेस’ पर भी लगाई थी रोक

सारण जिले के जिला मजिस्ट्रेट ने अप्रैल में सभी सरकारी कर्मचारियों के सरकारी कार्यालयों में जींस व टी-शर्ट पहनने पर रोक लगा दी थी। बिहार सरकार ने 2019 में राज्य सचिवालय में कर्मचारियों के जींस व टी-शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका मकसद ‘कार्यालय की मर्यादा’ बनाए रखना बताया गया है। सरकार ने राज्य सचिवालय के कर्मचारियों को कार्यालय में सादे, सुविधाजनक और हल्के रंग के कपड़े पहनने के लिए कहा है।

मरीज के सुरक्षा प्रोटोकॉल से समझौता नहीं

इधर, तिरुवनंतपुरम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सहित कई चिकित्सीय संगठनों ने ऑपरेशन थिएटर में लंबी आस्तीन वाली जैकेट और ‘सर्जिकल हुड’ पहनने की मुस्लिम एमबीबीएस छात्राओं के एक समूह की मांग पर कड़ी आपत्ति जताई है।आईएमए ने कहा कि अस्पताल और ऑपरेशन थिएटर में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति मरीज होता है और उनकी सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक न हो, इसके लिए वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य मौजूद ‘प्रोटोकॉल’ का पालन किया जाना चाहिए।

केरल गर्वमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (के जीएमओए) ने भी इसी प्रकार के विचार साझा करते हुए कहा कि इस तरह के अनुरोध को मंजूरी देना वैज्ञानिक और नैतिक रूप से गलत होगा। आईएमए के राज्य अध्यक्ष डॉ. सुल्फी नोहू ने कहा कि एसोसिएशन मौजूदा दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही चलना चाहता है। के जीएमओए के अध्यक्ष डॉ. सुरेश टीएन का कहना हैकि ऑपरेशन थिएटर में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक तंत्र होता है और वैज्ञानिक पहलू के लिहाज से उस प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए।

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