आइला, गुलाब, अम्‍फान से लेकर अब ‘Biparjoy’, आखिर कैसे रखा जाता है चक्रवाती तूफानों का नाम

Biporjoy Cyclone Latest News: भारत में चक्रवात ने दस्तक दे दी है। ये चक्रवात अरबी समुद्र में बने डीप प्रेशर की वजह से बना है।…

Biparjoy | Sach Bedhadak

Biporjoy Cyclone Latest News: भारत में चक्रवात ने दस्तक दे दी है। ये चक्रवात अरबी समुद्र में बने डीप प्रेशर की वजह से बना है। इसके अलावा इस चक्रवात का नाम Biparjoy रखा गया है, साथ ही ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस चक्रवात से भारत में आने वाले मानसून पर भी असर पड़ सकता है। इस सब के बीच हाल कुछ ऐसा है कि, केरल में मानसून अपने तय समय में नहीं पहुंच सका है. ऐसे में बिपरजॉय तूफान ने और भी टेंशन बढ़ा दी है.

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि इसकी वजह से महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल सकती हैं। लेकिन इन सबके बीच आपके मन में ये सवाल नहीं आया कि आखिर इस चक्रवात का नाम हर बार बदलता क्यों है या फिर इसका नाम पड़ता कैसे है। चलिए जानते हैं कि कैसे पड़ा Biparjoy Cyclone का नाम।

किसने रखा Biparjoy Cyclone का नाम

इस बार चक्रवात का नाम बांग्लादेश ने रखा है। Biparjoy का अर्थ होता है ‘आपदा’। बांग्लादेश ने इस चक्रवात का नाम इसलिए रखा है क्योंकि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में जो भी चक्रवात आते हैं, उनके नाम इस इलाके के देश रखते हैं। चक्रवात का नाम इस बात पर निर्भर करता है कि, सिस्टम किस देश की दिशा में बन रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, चक्रवात को नाम देने की प्रक्रिया साल 2004 से चल रही है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने 2020 में बिपरजॉय नाम को स्वीकार किया था।

क्या होती है चक्रवात का नाम रखने की प्रक्रिया

आपको बता दें कि, चक्रवात का नाम हवा की शुरुआती गति पर निर्भर होता है। हवा की रफतार जब 3 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से गोल-गोल चक्कर काटती है, तो ऐसे तूफानों को ट्रॉपिकल तूफान नाम दिया जाता है। वहीं जब हवा की स्पीड 119 किलोमीटर प्रति घंटे को पा कर जाती है, तो उसे ट्रॉपिकल हरिकेन कहते हैं. इतना ही नहीं जैसे-जैसे स्पीड बढ़ती है हरिकेन की कैटेगरी भी 1-5 के स्केल पर बढ़ती जाती है।

दुनिया की बात करें तो इन चक्रवातों को नाम अटलांटिक सागर के आस-पास बसे देशों ने देना शुरू किया था। जो देश इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं वो लिंग, राजनीति, धार्मिक विश्वासों और संस्कृतियों के आधार पर इस चक्रवात का नाम रखते हैं। साथ ही इस चक्रवात का नाम अधिकतम आठ अक्षर हो सकते हैं. कोई भी नाम किसी भी सदस्य देश के लिए अपमानजनक नहीं होना चाहिए या जनसंख्या के किसी भी समूह की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए।

क्यों दिये जाते हैं नाम

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार ेक समय पर कई जगह चक्रवात आ सकता है ऐसे में आपदा की स्थति में प्रबंधन और बचाव कार्यों को सुविधाजनक बनाने में किसी भ्रम से बचने के लिए हर तूफान को अलग नाम दिया जाता है।

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