एल्विश यादव मुसीबत में फंसे! FSL रिपोर्ट में खुलासा…रेव पार्टी में इस्तेमाल होता था सांपों का जहर

नई दिल्ली। ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ के विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव एक बार फिर सुर्खियों में है। पिछले साल नोएडा की रेव पार्टियों में…

Elvish Yadav Rave Party Case | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ के विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव एक बार फिर सुर्खियों में है। पिछले साल नोएडा की रेव पार्टियों में सांपों के जहर सप्लाई के मामले में एल्विश यादव बुरे फंसे थे। नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव सहित सपेरों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसके बाद 5 लोग गिरफ्तार हुए थे और एल्विश यादव से पूछताछ भी हुई थी। अब FSL जांच में बड़ा खुलासा हुआ है।

नोएडा पुलिस ने उन सांपों के जहर की जांच के लिए जयपुर स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) में भेजे थे और रिपोर्ट में बताया है कि ये कोबरा करैत प्रजाति के सांपों का जहर था।

बता दें कि पिछले साल एल्विश यादव समेत इस मामले से जुड़े कुछ और लोगों के खिलाफ नोएडा सेक्टर 49 थाने में केस दर्ज हुआ था। नोएडा पुलिस ने वन विभाग के साथ छापेमारी कर पांच लोगों को 9 सांपों के साथ गिरफ्तार किया। 9 में से 5 सांप कोबरा थे, जो बेहद जहरीले होते थे। इसके अलावा पुलिस ने उनके पास से एक अजगर, एक घोड़ा पछाड़ सांप भी बरामद किया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 30ml सांप का जहर भी बरामद किया। इस पूरे मामले में बीजेपी सांसद मेनका गांधी के NGO ने एल्विश यादव के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। वहीं मौके से पकड़े गए सांपों के जहर को टेस्ट के लिए FSL लैब भेजा गया था।

आरोपियों ने कुबूल की थी कई बातें

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कई बातें कबूल की। पुलिस ने बताया कि सांपों की तस्करी और रेव पार्टी को लेकर चल जांच जारी है और पिछले साल नवंबर में आरोपियों को रिमांड पर भी लिया गया था। इसके बाद नोएडा पुलिस ने उनसे कई घंटे की पूछताछ की थी, जिसमें आरोपियों की तरफ से कई खुलासे भी किए गए थे। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस के सामने कुबूल किया था कि इन रेव पार्टियों में बीन प्रोग्राम और सांपों का खेल भी करवाया जाता है और इनका कनेक्शन एल्विश और फाजिलपुरिया से भी बताया गया। इसके बाद पुलिस पता लगाने में जुट गई थी।

रेस्क्यू किए गए सांपों की विषग्रिथियां गायब थीं

इस केस में नोएडा पुलिस भी एल्विश यादव से पूछताछ कर चुकी है। दरअसल पशु चिकित्सा विभाग की ओर से जांच में पता लगा था कि रेस्क्यू किए गए 9 सांपों की विष ग्रंथियां गायब थीं। इस मामले में एल्विश के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B के तहत आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है, जिसमें एल्विश का भी नाम है। पीआई की रिपोर्ट में बताया गया था पिछले साल 3 नवंबर को आरोपियों से रेस्क्यू किए गए सभी नौ सांपों की जहर वाली ग्रंथियां गायब थीं और इनमें 5 कोबरा सांप थे। बताया गया था कि इनमें से 8 सांपों के दांत भी गायब थे। जांच कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर निखिल वार्सने ने पीटीआई को बताया था कि सभी नौं सांप उनकी कस्टडी में थे और फिर कोर्ट से ऑर्डर लेने के बाद उन्हें सूरजपुर वेटलैंड्स में छोड़ दिया गया।

एल्विश यादव ने दी सफाई

हालांकि इस पूरे मामले में एल्विश यादव ने सफाई दी थी। उन्होंने खुद को बेकसूर बताते हुए एक वीडियो शेयर कर कहा था- मुझे लेकर जो भी बातें की जा रही हैं, उसमें किसी तरह की सच्चाई नहीं है। आरोपों में मेरा नाम खराब न करें। मैं यूपी पुलिस और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन करना चाहता हूं कि इस चीज में अगर मेरे खिलाफ 1% भी आरोप साबित हुए, तो मैं जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं। मैं सबसे कहना चाहता हूं की प्लीज बिना किसी सबूत के मेरा नाम खराब करने की कोशिश ना करें। मेरा दूर-दूर तक इससे कोई वास्ता नहीं है।