विदेश में बैठ भारतीयाें से धोखाधड़ी करने वालों पर केंद्र ने कसा शिकंजा…100 से अधिक वेबसाइट को किया बंद

केंद्र ने संगठित अवैध निवेश और अंशकालिक नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली 100 से अधिक वेबसाइट को बंद कर दिया है।

Websites Block

Websites Block : नई दिल्ली। केंद्र ने संगठित अवैध निवेश और अंशकालिक नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली 100 से अधिक वेबसाइट को बंद कर दिया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इन वेबसाइट का संचालन विदेश में बैठे लोग कर रहे थे और इसमें ज्यादातर सेवानिवृत्त कर्मचारियों, महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को अंशकालिक नौकरी देने की आड़ में निशाना बनाया गया। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक इकाई भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) ने अपनी राष्ट्रीय साइबर अपराध जोखिम विश्लेषण इकाई के जरिए पिछले साल संगठित निवेश और कार्य आधारित अंशकालिक नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइट्स की पहचान की थी और उन्हें बंद किए जाने की सिफारिश की थी। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल कर इन वेबसाइट्स को बंद कर दिया है।

क्या है 14सी : 14सी देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए गृह मंत्रालय की एक पहल है।

कैसे करते हैं धोखाधड़ी

इन धोखाधड़ी में गूगल और मेटा जैसे मंचों पर विदेशी विज्ञापनदाताओं द्वारा कई भाषाओं में लक्षित डिजिटल विज्ञापन दिए जाते हैं जिसमें ‘घर बैठे जॉब’, ‘घर बैठे कमाई कै से करें’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। इन विज्ञापन पर क्लिक करने पर व्हाट्सएप या टेलीग्राम के जरिए एक एजेंट पीड़ित के साथ बातचीत शुरू करता है जो उसे वीडियो लाइक और सबस्क्राइब करने, मैप रैटिंग जैसे कुछ काम करने को कहता है।

काम पूरा करने के बाद पीड़ित को शुरुआत में कुछ कमीशन दिया जाता है तथा और कमाई के लिए पैसे को निवेश करने के लिए कहा जाता है। विश्वास हासिल करने के बाद जब पीड़ित बड़ी रकम निवेश करता है तो रकम को जब्त कर लिया जाता है और पीड़ित से ठगी की जाती है।

सलाह: इंटरनेट पर प्रायोजित किसी भी योजना में निवेश से पहले बरतें सावधानी 

बयान में कहा गया है कि ऐहतियातन उपाय के तौर पर यह सलाह दी जाती है कि इंटरनेट पर प्रायोजित बहुत ज्यादा कमीशन देने वाली ऐसी किसी भी योजना में निवेश करने से पहले सावधानी बरतें। अगर कोई अनजान व्यक्ति किसी से व्हाट्सएप या टेलीग्राम के जरिए संपर्क करता है तो बिना जांच-पड़ताल के वित्तीय लेनदेन करने से बचें। 

प्राप्तकर्ता के नाम का करें सत्यापन 

यूपीआई ऐप पर प्राप्तकर्ता के नाम का सत्यापन करें। अगर प्राप्तकर्ता कोई अनजान व्यक्ति है तो यह फर्जी खाता हो सकता है और योजना फर्जी हो सकती है। इसी तरह, उस स्रोत की पहचान करें जहां से शुरुआती कमीशन प्राप्त होता है। बयान के अनुसार, नागरिकों को अनजान खातों से लेनदेन करने से बचना चाहिए क्योंकि ये न के वल धनशोधन बल्कि आतंकवाद के लिए वित्त पोषण में भी संलिप्त हो सकते हैं।

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