कर्नाटक में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित एक भी सीट नहीं जीत पाई BJP

बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाली भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित एक भी सीट जीत पाने में…

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बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाली भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित एक भी सीट जीत पाने में नाकाम रही। इसके अलावा, पार्टी को अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित 36 में से 24 सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा। कर्नाटक में कुल 51 आरक्षित सीट है, जिनमें से 36 सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए और 15 सीट अनुसूचित जनजाति समुदाय के उम्मीदवारों के लिए है। 

राज्य में एससी/ एसटी समुदाय के लिए आरक्षण बढ़ाने के निवर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के फैसले के बावजूद आरक्षित सीट पर भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा। राज्य विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 135 सीट पर जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट में ज्यादातर पर जीत मिली। कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 36 सीट में से 21 पर जीत दर्ज की, जबकि भाजपा उम्मीदवार 12 सीट पर विजयी घोषित किए गए। 

चुनाव में उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करने वाले जनता दल (सेक्युलर) को एससी समुदाय के लिए आरक्षित महज तीन सीट पर जीत मिली। कांग्रेस ने एसटी के लिए आरक्षित 15 सीट में से 14 पर जीत हासिल की, जबकि जद(एस) को देवदुर्ग (एससी) सीट पर जीत मिली।

कांग्रेस: 15 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 9 जीते 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 9 मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की और ये सभी कांग्रेस से हैं। कांग्रेस ने शनिवार को कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों में से 135 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया, वहीं भाजपा ने 66 सीटें हासिल कीं, जिसके कारण उसे राज्य की सत्ता गंवानी पड़ी। चुनाव परिणामों से ऐसा लगता है कि मुस्लिम वोट कांग्रेस के पक्ष में एकजुट हुआ। कर्नाटक के कुल मतदाताओं में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 13 प्रतिशत है। 

कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करने का वादा किया था, जिसे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया था। कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया और उनमें से 9 विजयी हुए। जद (एस) ने 23 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे कुल पड़े मतों का केवल 0.02 प्रतिशत हासिल हुआ था।

कांग्रेस ने एक ही मुस्लिम महिला को दिया टिकट 

गुलबर्गा उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक कनीज फातिमा कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारी गई एकमात्र मुस्लिम महिला उम्मीदवार थीं। वे करीब तीन हजार मतों से जीतीं। इन नौ मुस्लिम उम्मीदवारों में से केवल दो- आसिफ (राजू) सैत और इकबाल हुसैन फिर से निर्वाचित हुए हैं। बाकी सात पहली बार विधानसभा पहुंचेंगे।

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