नीतीश कुमार 9वीं बार मुख्यमंत्री बने, 8 मंत्रियों ने भी शपथ ली, बिहार में 28 साल में तीसरी बार BJP के साथ

पटना। पिछले दिनों से बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें एक बार फिर सही साबित हुईं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह वही किया, जिसका अंदाजा…

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पटना। पिछले दिनों से बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें एक बार फिर सही साबित हुईं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह वही किया, जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद शाम होते-होते उन्होंने नौंवी बार भाजपा के समर्थन से सीएम पद की शपथ भी ले ली।

नीतीश कुमार ने रविवार शाम 5 बजे 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश कुमार के साथ कुल 8 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इसी के साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले में भाजपा के डॉ. प्रेम कुमार, जदयू के विजेंद्र प्रसाद, श्रवण कुमार (जदयू), विजय कुमार चौधरी (जदयू), संतोष कुमार सुमन (हिंदुस्तान अवाम मोर्चा) और सुमित सिंह (निर्दलीय) ने गोपनीय शपथ ली।

इससे पहले पटना में भाजपा की बैठक में सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा उपनेता बनाए गए। बैठक के बाद नीतीश कुमार भाजपा विधायक समर्थन पत्र लेकर सीएम आवास पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 128 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा। बता दें कि बिहार विधानसभा में भाजपा के 78, जदयू के 45 और हम के 4 विधायक हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 के आंकड़े से पांच ज्यादा है।

आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ा, नौवीं बार दोबारा ली शपथ…

बता दें नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ा है। 3 मार्च 2000 को नीतीश कुमार पहली बार सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश भाजपा के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए।

साल 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में जब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर एक बार फिर खुद सीएम पद ग्रहण किया।

2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने जुलाई 2017 में ही पद से इस्तीफा दिया और एक बार फिर एनडीए का दामन थाम कर सीएम पद संभाला।

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली। साल 2022 में एनडीए से अलग होने के ऐलान के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुड़ने का ऐलान कर दिया। इसी के साथ नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 28 जनवरी 2024 को उन्होंने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया।