अमित शाह ने किया MBBS कोर्स की हिंदी किताबों का विमोचन, अब छात्र हिंदी में भी पढ़ सकेंगे मेडिकल की पढ़ाई

अब देश में छात्र अपनी मातृभाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे। इसकी शुरूआत आज मध्यप्रदेश से हुई जहां केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रिमोट का बटन दबा कर MBBS कोर्स की तीन हिंदी किताबों का विमोचन किया।

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अब देश में छात्र अपनी मातृभाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे। इसकी शुरूआत आज मध्यप्रदेश से हुई जहां केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रिमोट का बटन दबा कर MBBS कोर्स की तीन हिंदी किताबों का विमोचन किया। इन किताबों को 97 डॉक्टर्स की एक टीम ने तैयार किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह जी ने ऐसा कर पीएम मोदी की इच्छा पूर्ण की है। शाह ने कहा कि जो लोग मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में कराने के समर्थक है, उनके लिए आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में भी इस बात का वादा किया था और आज इसे जमीन पर भी साकार कर दिखाया है। अब मेडिकल के बाद जल्दी ही राज्य में इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में करवाई जाएगी। इसके लिए सिलेबस के अनुवाद का कार्य भी आरंभ कर दिया गया है और छह माह बाद पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में की जा सकेगी।

नेल्सन मंडेला का दिया उदाहरण

शाह ने नेल्सन मंडेला का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हो तो वह उसके दिमाग में जाता है। यही कारण है कि पीएम मोदी की नई शिक्षा नीति में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करें ताकि वे सही तरह से पढ़ और समझ सकें। उन्होंने बतााय कि वर्तमान में देश के 10 राज्यों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में करवाई जा रही है, अब मेडिकल की भी पढ़ाई करवाई जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने भारतीय मानसिकता को बदल दिया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी ने विदेश में हिंदी बोलकर परंपरागत भारतीय मानसिकता को बदल दिया है। आज दुनिया भर के देश जैसे इटली और चीन अपनी भाषा में पढ़ा रहे हैं तो भारत भी ऐसा कर सकता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी किताबों का हिंदी अनुवाद करते समय जटिल भाषा का प्रयोग नहीं किया गया है बल्कि आम बोलचाल की भाषा में ही किताबें लिखी गई हैं, उदाहरण के लिए किडनी को किडनी ही लिखा गया है, यकृत नहीं।

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97 डॉक्टरों ने 4 महीनों में तैयार की ये किताबें, 15 नवंबर से शुरू होगी पढ़ाई

राज्य के चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि देश में मध्यप्रदेश पहला राज्य है जो हिंदी में ही मेडिकल की पढ़ाई करवाएगा। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए 97 डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है जिसने 24 घंटे सातों दिन लगातार काम कर MBBS की फर्स्ट ईयर की 5 किताबों को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया। अनुवाद करते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया कि तकनीकी शब्दावली और भाषा के अर्थ भी न बदलें और छात्रों को समझ में भी आ जाएं। सरकार ने बताया कि MBBS के नए बैच में आने वाले छात्रों को हिंदी में अनुवाद की गई इन किताबों से पढ़ाया जाएगा। नया बैच 15 नवंबर से शुरू होगा और इसका सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हिंदी माध्यम के छात्रों को होगा।

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