अंतरिक्ष से आई एक और गुड न्यूज…Aditya-L1 ने ली पहली सेल्फी, धरती-चांद की एक साथ खींची फोटो

इसरो ने कैमरे द्वारा ली गईं पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं। वीईएलसी ‘आदित्य एल1’ का प्राथमिक उपकरण है, जो बेंगलुरु स्थित भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) द्वारा बनाया गया है। 

Aditya-L1

Aditya-L1 : नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्यएल1’ में लगे कैमरे द्वारा ली गई अंतरिक्ष यान की “सेल्फी” और पृथ्वी तथा चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं। ‘आदित्य-एल1’ द्वारा ली गईं ये पहली तस्वीरें हैं। लक्षित कक्षा में पहुंचने के बाद यह अंतरिक्ष यान जमीन पर स्थित स्टेशन को विश्लेषण के लिए हर रोज 1,440 तस्वीरें भेजेगा। 

अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सूर्यपृथ्वी एल1 बिंदु के लिए रवाना हुए ‘आदित्य-एल1’ ने सेल्फी ली और पृथ्वी तथा चंद्रमा की तस्वीरें लीं।” इनमें ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर (एसयूआईटी) उपकरण दिखाई देते हैं, जैसा कि 4 सितंबर, 2023 को आदित्य-एल1 पर लगे कैमरे द्वारा देखा गया था। 

इसरो ने कैमरे द्वारा ली गईं पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं। वीईएलसी ‘आदित्य एल1’ का प्राथमिक उपकरण है, जो बेंगलुरु स्थित भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) द्वारा बनाया गया है। 

सात उपकरण ले गया है सूर्ययान 

‘आदित्य-एल1’ अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपने साथ कु ल सात उपकरण लेकर गया है, जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन उपकरण प्लाज्मा एवं चुंबकीय क्षेत्र के यथास्थान मापदंडों को मापेंगे। इस अंतरिक्ष यान को लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल1) पर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर है। यह सूर्य के चारों ओर समान सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य पर नजर रख सकता है।

2 सितंबर को किया गया था प्रक्षेपित 

अंतर-विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केंद्र (आईयूसीएए), पुणे ने एसयूआईटी उपकरण का निर्माण किया है। आईआईए के इसरो ने दो सितंबर को अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिए ‘आदित्य-एल1’ को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।

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