ITR फाइल करते समय भूलकर भी नहीं करें ये 5 गलतियां, वरना भरना पड़ सकता है जुर्माना

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के फॉर्म को सही तरीके से और समय पर फाइल करना महत्वपूर्ण है। हालांकि करदाता द्वारा गलतियां करना आम बात हो…

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इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के फॉर्म को सही तरीके से और समय पर फाइल करना महत्वपूर्ण है। हालांकि करदाता द्वारा गलतियां करना आम बात हो गई है, जिससे प्रासेस में कई परेशानियां पैदा हो सकती हैं और इसमें देरी भी हो सकती है। जिसकी वजह से आपको आयकर विभाग का नोटिस भी मिल सकता है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। आईटी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 जून तक 1 करोड़ से अधिक करदाताओं ने आईटीआर दाखिल किए है। हालांकि आईटीआर दाखिल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई 2023 है।

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Income tax | Sach Bedhadak

(1) गलत आईटीआर फॉर्म चुनना
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय इनकम के स्रोत, रोजगार की केटेगरी और अन्य विकल्पों के आधार पर सही आईटीआर फॉर्म का उपयोग करना आवश्यक है। क्योंकि गलत फॉर्म का चयन करने से गलत रिपोर्टिंग हो सकती है और टैक्स अधिकारियों से संभावित जांच हो सकती है।

(2) फॉर्म 26एएस को नजरअंदाज करना पड़ सकता है महंगा
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हुए फॉर्म 26एएस को नजरअंदाज करना करदाता को महंगा पड़ सकता है। 26एएस टैक्सपेयर की और से काटे गए या कलेक्ट किए गए टैक्स का कंसालिडेटेड डीटेल है। यह पेमेंट किए गए एंडवांस टैक्स और स्व-मूल्यांकन टैक्स का डीटेल भी दर्शाता है।

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(3) ITR वेरीफाई करना याद नहीं रहना

कई करदाता आईटीआई को वेरीफाई करने के आखिरी स्टेप को नजरअंदाज कर देते हैं, जो इसके प्रोसेसिंग के लिए बहुत जरूरी है। ऑनलाइन आईटीआर भरने के बाद, यह तय करें कि आप इस प्रोसेंस को तय समय सीमा के भीतर वेरीफाई कर लें। वेरीफिकेशन आधार कार्ड ओटीपी, ईवीसी जैसे तरीकों से या इनकम टैक्स विभाग को एक साइन किया हुआ फिजिकल कॉपी भेजकर किया जा सकता है।

(4) पर्याप्त डॉक्यूमेंट बनाए न रखना
अपने आईटीआर में दावा की गई इनकम, कटौतियों और छूट के सपोर्टिंग के सभी डॉक्यूमेंट्स अपने पास संभल कर रखें। क्योंकि ऑडिट या पूछताछ में डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है, अपने क्लेम्स को साबित करने के लिए सबूत देने की जरूरत पड़ सकती है।

(5) TDS का समाधान करने में विफल होना

सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि नियोक्ताओं या अन्य संस्थाओं द्वारा काटा गया टीडीएस आपके फॉर्म 26एएस में सही तरीके से शो किया गया है। टीडीएस संबंधी जानकारी मैच नहीं होने पर आईटीआर फाइल करने के दौरान जटिलताएं पैदा हो सकती हैं और टैक्स लायबलिटीज में संभावित मिसमैच हो सकता है।

इसके अलावा आईटीआर फाइल करने की समय सीमा चूकने पर देय किसी भी टैक्स पर जुर्माना और ब्याज लग सकता है। आरटीआई फाइल करने के लिए तय की लास्ट डेट के बारे में अपडेट रहें।

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