नहीं कम हो रही अनिल अंबानी की परेशानी! DGGI ने थामाया 922 करोड़ का नोटिस, जानें पूरा मामला

कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने उनकी कंपनी रिलायंस कैपिटल की सहायक कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को 922.58 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड भेजी है।

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DGGI Notice to Anil Ambani: कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने उनकी कंपनी रिलायंस कैपिटल की सहायक कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को 922.58 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड भेजी है। इस संबंध में कंपनी को कई कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

रिलायंस कैपिटल गुजर रही दिवालिया प्रक्रिया से

रिलायंस कैपिटल फिलहाल एनसीएलटी में दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। हिंदुजा ग्रुप ने इसके लिए सबसे ऊंची बोली लगाई है लेकिन उसे अभी सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार है। पहले राउंड में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी टोरेंट ग्रुप ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होनी है।

चार अलग अलग नोटिस थामा

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, डीजीजीआई ने चार अलग-अलग मामलों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को टैक्स नोटिस भेजा है। इनमें क्रमश: 478.84 करोड़ रुपये, 359.70 करोड़ रुपये, 78.66 करोड़ रुपये और 5.38 करोड़ रुपये की टैक्स मांग की गई है। ये नोटिस पुनर्बीमा और सह-बीमा से प्राप्त राजस्व से संबंधित हैं।

इस संबंध में कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। इस मुनाफे वाली कंपनी की रिलायंस कैपिटल की कुल वैल्यू में 70 फीसदी हिस्सेदारी है। बैंकर्स का कहना है कि इससे कंपनी के वैल्यूएशन पर असर पड़ सकता है। हिंदुजा ग्रुप ने 9,800 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है। रिलायंस कैपिटल ने 22,000 करोड़ रुपये के ऋण भुगतान में चूक की थी, जिसके बाद इसे नवंबर 2021 में ऋण समाधान के लिए भेजा गया था।

कुल कितना कर्ज है

रिलायंस कैपिटल के पास लगभग 20 वित्तीय सेवा कंपनियाँ हैं। इनमें प्रतिभूति ब्रोकिंग, बीमा और एक एआरसी शामिल हैं। आरबीआई ने 30 नवंबर, 2021 को भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था और उसके खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की थी।

पहले राउंड में टोरेंट इन्वेस्टमेंट ने इसके लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी. रिलायंस कैपिटल पर करीब 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. अनिल अंबानी की कई अन्य कंपनियों पर भी भारी कर्ज है और वे दिवालिया कार्यवाही से गुजर रही हैं।