अमेरिका मालदीव में एक्शन : ISIS और अल-कायदा समर्थकों पर बैन

अमेरिका ने मालदीव में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट तथा अल-कायदा क अे भियानों को वित्तीय सहयोग मुहैया कराने के लिए 20 लोगों तथा 29 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं

ISI | Sach Bedhadak

वाशिंगटन। अमेरिका ने मालदीव में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट तथा अल-कायदा क अे भियानों को वित्तीय सहयोग मुहैया कराने के लिए 20 लोगों तथा 29 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यूमिलर ने सोमवार को बताया कि इन प्रतिबंधों का मकसद मालदीव के भीतर आतंकवादी गतिविधियों केलिए वित्तीय तथा अन्य प्रकार के समर्थन को रोकना तथा खत्म करना है।

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प्रतिबंध सूची में जिन लोगों के नाम है उनमें आईएसआईएस तथा आईएसआईएस-खोरासन (आईएसआईएस-के) से जुड़े 18 लोग तथा अल-कायदा के दो आतंकवादी और उनसे जुड़ी 29 कंपनियां शामिल हैं। ये लोग तथा कंपनियां आईएसआईएस-के प्रमुख आतंकवादी मोहम्मद अमीन से जुड़ेथे जिसे अमेरिका ने 2019 में प्रतिबंधित कर दिया था। प्रतिबंध सूची में शामिल कुछ लोग पत्रकारों तथा स्थानीय प्राधिकारियों केखिलाफ हमलों की योजना बनाने तथा उन्हें अंजाम देने में शामिल रहे हैं।

तलिबान से मिले अमेरिकी अधिकारी

अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिकों के एक समूह ने तालिबान के प्रतिनिधियों और तकनीकी पेशेवरों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में मानवीय संकट और विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अफगानिस्तान मामलों के विशेष प्रतिनिधि थॉमस वेस्ट ने किया। उनके साथ अफगान महिलाओें, लड़कियों और मानवाधिकार मामलों की विशेष दतू रीना अमीरी तथा अफगानिस्तान में अमेरिकी मिशन के प्रमुख करेन डेकर भी थे।

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बैठक में मानवीय संकट और विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए आपसी विश्वास मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा अमेरिकी अधिकारियों ने बिगड़ती मानवाधिकार स्थिति, विशेष रूप से महिलाओं, लड़कियों और कमजोर समुदायों के अधिकारों के बारे में चिंता व्यक्त की। तालिबान से मानवाधिकारों को बनाए रखने पर जोर देने के साथ नजरबंदी, मीडिया प्रतिबंध और धार्मिक प्रथाओं से संबंधित नीतियों को वापस लेने का आग्रह किया गया। विदेश विभाग ने सोमवार को कहा कि अमेरिका अफगान लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और देश में उनकी आवाज सुनने की मांग पर दृढ़ता से खड़ा है।

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