22 बोगियां, बुलेटप्रूफ कारें और मनोरंजन के लिए वर्जिन लड़कियां…कैसी है किम जोंग उन की वाली शाही ट्रेन

नई दिल्ली। लग्जरी लाइफ जीने के लिए जाने जाते उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन रूस पहुंच गए हैं। जापानी मीडिया की रिपोर्ट के…

kim jong un north korea special train 1 | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। लग्जरी लाइफ जीने के लिए जाने जाते उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन रूस पहुंच गए हैं। जापानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग उन एक निजी ट्रेन से रूस पहुंचे हैं। उनके साथ हथियार बनाने वाली कंपनियों से जुड़े लोग भी हैं। यहां वे व्लादिवोस्तोक शहर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे।

दरअसल, अमेरिका ने दोनों देशों की मीटिंग को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि हम इनके बीच किसी भी तरह की हथियार डील को मंजूर नहीं करेंगे। इसके बाद भी किम जोंग उन रूस पहुंचे हैं। रविवार को किम जोंग उन उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से निजी ट्रेन से रवाना हुए थे। उनके साथ विदेश मंत्री और सैन्य हथियारों के विशेषज्ञ भी हैं।

जापान की क्योडो न्यूज एजेंसी के मुताबिक, किम जोंग उन रूस के खासान स्टेशन पर उतरे हैं, जो उसके पूर्वी हिस्से पर स्थित है। उत्तर कोरिया से रूस में एंट्री करते ही यह स्टेशन पड़ता है। लेकिन इस सबके बीच एक खास बात ये है कि तानाशाह किम जोंग उन अपनी शानो-शौकत के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। ऐसे में हवाई यात्रा की बजाय उन्होंने ट्रेन में सफर क्यों किया।

kim jong un north korea special train 2 | Sach Bedhadak

चलता-फिरता एक किला है ये ट्रेन…

दरसअल, किम जोंग ने जिस ट्रेन से सफर किया, वो ट्रेन एक चलता-फिरता किला है। 90 डिब्बों वाली इस ट्रेन का हर शीशा बुलेटप्रूफ है। जिस ट्रेन पर सवार होकर किम रूस पहुंचे हैं, वो ट्रेन अपने-आपमें भारी-भरकम इतिहास रखती है। रिपोर्ट के मुताबिक, किम ने ऐसा अपने शाही परिवार की परंपराओं की वजह से किया। यह भी कहा जाता है कि किम जोंग उन के पिता को हवाई उड़ान से डर लगता था। जिसके बाद यह परंपरा आगे बनती गई।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने व्लादिवोस्तोक पहुंचे किम जोंग जिस ट्रेन से रूस पहुंचे है। वह ट्रेन किसी चलते-फिरते किले से कम नहीं है। 90 डिब्बों वाली इस ट्रेन की भारी बख्तरबंद सुरक्षा है। हालांकि यह लगभग 50 किमी/घंटा (31 मील प्रति घंटे) की गति से दौड़ती है जो कि अधिकांश आधुनिक ट्रेनों की तुलना में बहुत धीमी है।

लीक नहीं हो पाती देश की अहम बातें…

किम जोंग के बारे में पुख्ता बातें कम ही पता लगती हैं। खासकर उनकी कमियों और कमजोरियों के बारे में बहुत कम ही देशों को पता है। क्योंकि इससे अमेरिका को भी धमकाते इस छोटे देश पर खुद खतरा आ सकता है। इसके बाद भी बीच-बीच में कुछ न कुछ नया सामने आ ही जाता है।

कैसी है किम की ये रहस्यमयी ट्रेन…

किम जोंग उन करीब चार साल के अंतराल के बाद आधिकारिक विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने ट्रेन से 1180 किलोमीटर का सफर पूरा किया। 20 घंटे ट्रेन पर बिताकर वह रूसी धरती पर पहुंचे हैं। जिस शादी ट्रेन से वह विदेश यात्रा करते हैं, वह किसी रहस्य से कम नहीं। हरे और पीले रंग की इस ट्रेन में 22 बोगियां हैं। ट्रेन के हर शीशे पर काली खिड़कियां हैं और हर शीशा बुलेटप्रूफ है। इससे ट्रेन का वजह हजारों पाउंड और भारी भी हो जाता है।

लग्जरी सुविधाएं…

इस शाही ट्रेन में एक रेस्तरां भी है, जिसमें महंगी फ्रांसीसी वाइन मिलती है और यात्री लाइव लॉबस्टर और पोर्क बारबेक्यू का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेन में सम्मेलन कक्ष, दर्शक कक्ष और शयनकक्ष हैं, जिसमें ब्रीफिंग के लिए सैटेलाइट फोन और फ्लैट स्क्रीन टेलीविजन लगाए गए हैं।

रूस से गिफ्ट में मिली थी ट्रेन…

बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, सोवियत लीडर जोसेफ स्टालिन ने 50 के दशक में किम जोन के दादा किम 2 संग को एक ट्रेन तोहफे में दी थी। उसके बाद साल 1950 में कोरियन युद्ध के दौरान संग ने इसी ट्रेन को अपने हेडक्वार्टर की तरह इस्तेमाल किया और यहीं से दक्षिण कोरिया के खिलाफ युद्ध के लिए अपनी रणनीति बनाई थी। अंदर की तरफ लकड़ी के बेहद भारी काम वाली ये ट्रेन जल्द ही किम खानदान की शाही ट्रेन बन गई।

ट्रेन में हुई थी पिता की मौत…

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया कोरियन सेंट्रल टेलीविजन की मानें तो साल 2011 में किंग जोंग इल की मौत भी इसी ट्रेन के भीतर काम करते हुए हुई थी। वे तब किसी राजनीतिक काम से प्योंगयांग से बाहर सफर कर रहे थे, जिस दौरान ट्रेन में ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

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किसी हमले का असर नहीं होता…

तीन पीढ़ियों से चली आ रही ट्रेन लगभग 250 मीटर लंबी और सारी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इसके सारे डिब्बे बख्तरबंद हैं, जिसपर गोली-बारूद का असर नहीं होता। साल 2004 में उत्तर कोरियाई शहर योंगचोन की रेलवे लाइन में एक बारूदी विस्फोट हुआ, जिसमें 150 से ज्यादा जानें गई थीं। ब्लास्ट से कुछ पहले ही ट्रेन उस लाइन से गुजरी थी। इसके बाद से ट्रेन की सुरक्षा और मजबूत हो गई।

कितनी सख्त है ट्रेन की सिक्योरिटी…

उत्तर कोरिया में ये ट्रेन कहीं भी जाए, लगभग एक दिन पहले से ही लाइन्स की चेकिंग शुरू हो जाती है। जिस रास्ते से यह ट्रेन गुजरती है उसे पूरी तरह ब्लॉक कर दिया जाता है। अपनी सुरक्षा को लेकर किम जोन ने ऐसा बंदोबस्त करवाया कि इस ट्रेन के निकलने से ठीक पहले एक और निजी ट्रेन भी उसी पटरी से जाती है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। पीछे-पीछे किम की शाही ट्रेन होती है, जिसके बाद एक और ट्रेन भी रहती है, जिसमें अतिरिक्त सिक्योरिटी और बाकी चीजें रहती हैं।

मनोरंजन के लिए ट्रेन में होती है वर्जिन गर्ल्स…

लंबे सफर के दौरान अगर नेता बोरियत महसूस करने लगें तो उनके मनोरंजन के लिए वर्जिन गर्ल्स भी होती हैं। इंटरनेशनल मीडिया में इस बात का बार-बार जिक्र आता है कि किम के मनबहलाव के लिए ट्रेन में भी लड़कियां चलती हैं। वे एयर होस्टेस की तरह होती हैं जो लोगों का खयाल रखती हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया में किम जोंग उन की सेवाओं के लिए वर्जिन गर्ल्स की भर्ती की जाती है। जिनको अच्छी सैलरी दी जाती है। शर्त यही होती है कि लड़कियां वर्जिन होनी चाहिए। इसके लिए डॉक्टरी जांच भी करवाई जाती है। पश्चिमी मीडिया इन लड़कियों को किम जोंग उन के सेक्स स्लेव भी कहता है। इसके अलावा हर कोच में टीवी है। लेकिन इसमें कुछ ही चैनल आते हैं, जो उत्तर कोरियाई विकास की ही जानकारी दें।

ट्रेन में मिलता है लग्जरी खाना…

लग्जरी लाइफ जीने के लिए जाने जाते किम जोन की ट्रेन भी उतनी ही राजसी है। इस ट्रेन में 90 बोगियां हैं। हर बोगी में विशाल बाथरूम भी है और डायनिंग भी है। इस शाही ट्रेन में सिर्फ या तो किम के परिवारवाले या वो खुद होते है। साथ में पोलित ब्यूरो के अधिकारी और सैन्य दस्ता चलता है। इन सबके लिए खाने-पीने का खास इंतजाम रहता है। ट्रेन में दुनिया से लगभग सभी हिस्सों के खास व्यंजन बनाने वाले शेफ मौजूद होते हैं।

हवाई सफर टालते रहे शासक…

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग को प्लेन का सफर करने से डर लगता है। ये डर खानदानी है, यानी उनके पिता और दादा के बारे में भी यही कहा जाता रहा। यहां तक कि किम से पहले ये दोनों कोरियाई नेता भी ट्रैवल से बचते रहे और बहुत जरूरी होने पर ही देश से बाहर जाते। इसमें भी जहां तक मुमकिन हो, अपनी ट्रेन से यात्रा करते।