पुतिन से बगावत मतलब सीधा मौत! वैगनर चीफ का प्लेन क्रैश, जानें-वो 11 आलोचक जिनकी मौत बनी पहेली!

जून में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले येवगेनी प्रिगोजिन की बुधवार देर रात प्लेन क्रैश में मौत हो गई।

putin | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। जून में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले येवगेनी प्रिगोजिन की बुधवार देर रात प्लेन क्रैश में मौत हो गई। वो प्राईवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के चीफ थे। प्लने क्रैश में 10 और लोगों के मारे जाने की खबर है। यह क्रैश मॉस्को के उत्तरी इलाके में हुआ। रूस की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने सिर्फ इतना कहा कि येवगेनी का नाम पैसेंजर लिस्ट में शामिल था। यह एम्बरर एयरक्राफ्ट मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा था।

प्रिगोजिन की मौत के बाद शक की सुई पुतिन की तरफ घूम रही है। क्योंकि प्रिजोजिन ने जून महीने में पुतिन के खिलाफ बगावत की थी और इसके बाद वो कथित तौर पर बेलारूस चले गए थे। प्रिगोजिन के मॉस्को मार्च के बाद पुतिन ने कहा था कि वह इसका बदला जरूर लेंगे और प्रिगोजिन को कभी माफ नहीं करेंगे। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि पुतिन से बगावत के 60 दिन बाद ही प्रिगोजिन की मौत हत्या है या साजिश। लेकिन, हम आपको बताते जा रहे है उन लोगों के बारे में जिन्होंने पुतिन के खिलाफ आवाज उठाई और उन्हें मौत मिली। पुतिन के 11 आलोचक ऐसे थे, जिनकी मौत पर आज भी सस्पेंस बना हुआ है।

पुतिन के वो 11 आलोचक जिनकी मौत पर सस्पेंस

Denis Voronenkov | Sach Bedhadak

डेनिस वोरोनेंकोव-2016 : रूस के पूर्व सांसद डेनिस वोरोनेंकोव की साल 2016 में यूक्रेन की राजधानी कीव में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या हुई थी। घटना उस वक्त हुई थी जब वो अपने बॉडीगार्ड के साथ पैदल जा रहे थे। तभी सीर और सीने में चार गोली लगने से डेनिस की मौत हो गई है।

वो यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर पर देशद्रोह के केस में गवाह थे और अपनी जान बचाकर यूक्रेन में रह रहे थे। रूस से भागने के बाद डेनिस ने पुतिन की आलोचना की थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरेशंको ने कहा था कि इस हत्याकांड के पीछे रूस का हाथ है। लेकिन, रूसी सरकार का कहना था कि डेनिस पर हुए हमले में उनका कोई हाथ नहीं है।

Boris Nemtsov | Sach Bedhadak

बोरिस नेम्त्सोव-2015 : बोरिस नेम्त्सोव 1990 के दशक से राजनीति में सक्रिय रहे। साल 2000 में बोरिस नेम्त्सोव की जगह पुतिन पूर्व राष्ट्रपति बने। इसके बाद पुतिन राष्ट्रपति बन गए। लेकिन, साल 2011 में बोरिस नेम्त्सोव ने चुनाव परिणामों के धांधली का आरोप लगाते हुए पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

इसके बाद कई बार बोरिस की गिरफ्तारी भी हुई। साल 2015 में यूक्रेन में रूस की सैन्य भागीदारी के खिलाफ निकाले गए मार्च के कुछ घंटे बाद ही एक अज्ञात हमलावर ने चार गोली मारकर बोरिस नेम्त्सोव की हत्या कर दी। पुतिन ने नेमत्सोव की हत्या की जांच अपने हाथ में ली। लेकिन, हत्यारा अभी भी पकड़ से बाहर है।

Boris Berezovsky | Sach Bedhadak

बोरिस बेरेज़ोव्स्की-2013 : बेरेज़ोव्स्की ने पुतिन के सत्ता में आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन, पुतिन के साथ मतभेद के कारण उन्हें साल 2000 में यूनाइटेड किंगडम में शरण लेनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को उखाड़ फेंकने की कसम खाई। साल 2013 में वो लंदन के बर्कशायर स्थित घर में मृत पाए गए थे। बेरेजोव्स्की का शव बाथरूम के अंदर पाया गया था और उसके गले में एक पट्टी बंधी हुई थी।

Stanislav Markelov and Anastasia Baburova | Sach Bedhadak

स्टानिस्लाव मार्केलोव और अनास्तासिया बाबुरोवा-2009 : स्टानिस्लाव मार्केलोव और अनास्तासिया बाबुरोवा भी पुतिन के आलोचक थे। इन दोनों की साल 2009 में गोली मारकर हत्या हुई थी। स्टानिस्लाव मार्केलोव मानवाधिकार वकील थे और उन्होंने पोलितकोवस्काया व अन्य पत्रकारों का प्रतिनिधित्व किया था। साल 2009 में जब एक नकाबपोश ने स्टानिस्लाव मार्केलोव पर हमला किया तो अनास्तासिया बाबुरोवा ने बचाने का प्रयास किया। लेकिन, हमलावर ने दोनों को ही मौत के घाट उतार दिया।

Sergei Magnitsky | Sach Bedhadak

सर्गेई मैग्निट्स्की-2009 : सर्गेई मैग्निट्स्की रूस के जाने-माने वकील थे। वो बड़े टैक्स चोरी मामले में की जांच कर रहे थे। उनका मानना था कि टैक्स चोरी में पुलिस का भी हाथ है। ऐसे में रूसी पुलिस की छवी खराब करने पर सर्गेई मैग्निट्स्की को गिरफ्तार किया था। साल 2009 में सर्गेई मैग्निट्स्की की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस का आरोप था कि टैक्स चोरी में सर्गेई मैग्निट्स्की हाथ था। साल 2012 में सर्गेई मैग्निट्स्की को मरणोपरांत टैक्स चोरी का दोषी ठहराया गया था।

Natalia Estemirova | Sach Bedhadak

नतालिया एस्टेमिरोवा-2009 : नताल्या एस्टेमिरोवा एक पत्रकार थी। उन्होंने चेचन्या में आम लोगों के अपहरणों और हत्याओं की जांच की थी। रूस समर्थक सुरक्षा बलों ने देश के कुछ सबसे भयानक आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार इस्लामी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए क्रूर कार्रवाई की।

साथी पत्रकार अन्ना पोलितकोवस्काया की तरह, एस्टेमिरोवा ने उन नागरिकों पर रिपोर्ट की जो अक्सर इन दो हिंसक ताकतों के बीच फंस जाते थे। साल 2009 में एस्टेमिरोवा को उसके घर के बाहर से अपहरण कर लिया था और गोली मारकर हत्या के बाद शव को जंगल में फेंक दिया था। उसकी हत्या के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है।

Anna Politkovskaya | Sach Bedhadak

अन्ना पोलितकोवस्काया-2006 : अन्ना पोलितकोवस्काया रूसी रिपोर्टर थी। पुतिन की कट्टर आलोचक पोलितकोवस्काया नोवाया गजेटा के लिए काम करती थी। उन्होंने अपनी किताब ‘पुतिन्स रशिया’ में पुतिन पर रूस को पुलिस राज्य में बदलने का आरोप लगाया था। साथ ही चेचन्या में आम लोगों के अपहरण और हत्याओं के बारे में विस्तार से लिखा था।

साल 2006 में अन्ना पोलितकोवस्काया की उनकी इमारत में एक लिफ्ट में बेहद करीब से गोली मारी गई थी। उसकी हत्या के लिए पांच लोगों को दोषी ठहराया गया था, लेकिन न्यायाधीश ने पाया कि यह एक अनुबंध हत्या थी, जिसमें 150,000 डॉलर की फीस एक ऐसे व्यक्ति द्वारा भुगतान की गई थी जिसकी पहचान कभी उजागर नहीं हुई थी।

Alexander Litvinenko | Sach Bedhadak

अलेक्जेंडर लिट्विनेंको-2006: अलेक्जेंडर लिट्विनेंको एक पूर्व केजीबी एजेंट थे। वो साल 2006 में लंदन की एक होटल में मृत पाए गए थे। उन्हें चाय में पोलोनियम-210 मिलाकर मौत के घाट उतारा था। जिसके कारण तीन हफ्ते बाद ही उनकी मौत हो गई थी। जांच में खुलासा हुआ था कि अलेक्जेंडर लिट्विनेंको को जहर दिया गया था। ये भी पुतिन विरोधी थे। इसी वजह से पुतिन के इशारे पर एफएसबी एजेंटों आंद्रेई लुगोवोई और दिमित्री कोवतुन ने उन्हें जहर दिया था।

Sergei Yushenkov | Sach Bedhadak

सर्गेई युशेनकोव-2003 : पूर्व सेना कर्नल सर्गेई युशेनकोव 1990 के दशक की शुरुआत में संसदीय पत्रकारों के पसंदीदा थे। सर्गेई युशेनकोव ने अपने लिबरल रशिया आंदोलन को एक राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत किया था कि मॉस्को में उनके घर के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। युशेनकोव सबूत इकट्ठा कर रहे थे, उनका मानना था कि साल 1999 में एक अपार्टमेंट बम विस्फोट के पीछे पुतिन सरकार थी।

Yuri Shchekochikhin | Sach Bedhadak

यूरी शेकोचिखिन-2003 : यूरी शेकोचिखिन एक खोजी पत्रकार और लेखक थे। जिन्होंने पूर्व सोवियत संघ में अपराध और भ्रष्टाचार के बारे में लिखा था। साथ ही वो 1999 के अपार्टमेंट बम विस्फोटों की जांच कर रहे थे। लेकिन, उन्हें साल 2003 में एक रहस्यमय बीमारी ने जकड़ लिया और संयुक्त राज्य अमेरिका जाने से पहले उनकी अचानक मौत हो गई। उनके मेडिकल दस्तावेज़ों को रूसी अधिकारियों द्वारा वर्गीकृत माना गया था।

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