PHQ से बिक्री पर हुई सख्ती तो शराब माफियाओं ने निकाला नया तरीका

फिल्म और कुछ वेब सीरीज में घर बैठे शराब की होम डिलेवरी का सीन देखकर इस तरीके को जयपुर में शराब माफियाओं ने अपना लिया है।

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जयपुर। फिल्म और कुछ वेब सीरीज में घर बैठे शराब की होम डिलेवरी का सीन देखकर इस तरीके को जयपुर में शराब माफियाओं ने अपना लिया है। पुलिस मुख्यालय की ओर से रात 8 बजे बाद शराब की दुकानों पर होने वाली बिक्री को लेकर सख्ती से प्रतिबंद्ध लगाया गया तो बदमाशों ने रात में शराब बिक्री का नया तरीका ढूंढ लिया। ये 20 से 30 प्रतिशत अतिरिक्त पैसा लेने के बाद घर बैठे फूड डिलीवरी कंपनियों की तर्ज पर 24 घंटे तक शराब उपलब्ध करवा रहे हैं।

माफिया अपने इस धंधे में पीजी में रहने वाले स्टूडेंट्स से लेकर पॉश इलाकों में रहने वाले लोगों को टारगेट कर अपना ग्राहक बना रहे हैं और अपने धंधे को आगे बढ़ा रहे हैं। राजधानी के मालवीय नगर, विद्याधर नगर, वैशाली नगर, मानसरोवर, जगतपुरा से लेकर एज्यूकेशन हब में बदमाशों ने इस धंधे को फैला लिया है और वहां पर अपने डिलिवरी बॉय के जरिए ऑन डिमांड एनी टाइम घर बैठे शराब उपलब्ध करवा रहे हैं।

हर इलाके में मौजूद डिलिवरी बॉय

ग्राहक माफियाओं से जुड़ने के बाद इनके व्हाट्सग्रुप पर ऑर्डर करता है और क्यूआर कोड के स्कैनर पर पेमेंट कर देता हैं। इसके बाद माफियाओं का ग्रुप एडमिन गूगल मैप से ग्राहक की करंट लोके शन मंगवा लेता है और उसके हर इलाके में मौजूद डिलिवरी बॉय को उसके क्षेत्र के अनुसार ऑर्डर को फॉरवर्ड कर देते हैं। इसके बाद डिलिवरी बॉय नजदीकी ठिकाने से उस ब्रांड की शराब लेकर बाइक के बैग में या थैले में रखकर ग्राहक तक पहुंचा देता है। हर इलाके में माफियाओं के डिलिवरी बॉय मौजूद होने से ग्राहक को घर बैठे और कुछ मिनट में शराब की डिलिवरी मिल जाती है।

व्हाटसएप ग्रुप से जुड़ते हैं ग्राहक

राजधानी में घर बैठे शराब पहुंचाने वाले शराब माफिया किसी स्वीगी, जॉमेटो जैसे फूड एप से नहीं, बल्कि सोशल मीडिया से अपने ग्राहकों को जोड़ते हैं। इन्होंने एनी टाइम ड्रिंक, एनी टाइम एनर्जी जैसे व्हाट्स एप व टेलीग्राम पर ग्रुप बना रखे हैं। इसका प्रचार सोशल मीडिया पर करते हैं। जैसे ही इनके ग्रुप से ग्राहक जुड़ जाते है तो यह लगातर उन्हें ऑनलाइन ऑन डिमांड डिलिवरी करते रहते हैं। एक बोतल की प्रिंट रेट से 20 से 30 प्रतिशत ज्यादा कीमत में अंदर शराब की होम डिलिवरी की जाती हैं। ऐसे में 100 रुपए की बोतल हर समय घर बैठे 120 या 130 रुपए में मिल जाती है। माफियाओं ने व्हाट्स एप ग्रुप की डीपी में क्यूआर कोड स्कैनर लगा रखे हैं, जिस पर पेमेंट मिलने के बाद जिस इलाके में इनका डिलिवरी बॉय होता है, वह उसे पहुंचा देता है।

पूरी रात चलता हैं धंधा

पुलिस से मिली जानकारी में सामने आया हैकि यह माफिया रात 8 बजे लाइसेंसधारी शराब की दुकानें बन्द होने के बाद सक्रिय होते हैं। निश्चित समय के बाद पुलिस की सख्ती के कारण लाइसेंस की दुकानें बंद हो जाती है और तय समय बाद दुकान खुलने पर पुलिस लगातार कार्रवाई करती है। इससे बचने के लिए माफियाओंने यह नया तरीक इजाद किया हैं। इससे यह पूरी रात शराब की बिक्री करते हैं। पुलिस नाकाबंदी में यह इसलिए नहीं पकड़े जाते, क्योंकि यह तय मात्रा से अधिक शराब लेकर नहीं जाते हैं। यह सप्लाई का कार्य 8 बजे बाद से अगले दिन सुबह तक चलता है।

कई राज्यों में होम डिलिवरी

छत्तीसगढ़, कोलकाता, दिल्ली जैसे राज्यों में शराब की होम डिलीवरी को सरकार ने अनुमति दे रखी है। इसके बाद राजस्थान में भी इस तरह का प्रस्ताव लाया गया, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली। उधर, माफिया व गिरोह इसे अवैध तरीके से बेचने में सक्रिय हो गया।

शराब की होम डिलीवरी करने वाले गिरोह पर की कार्रवाई

शिप्रापथ थानाधिकारी नेमीचंद ने बताया कि ऑनलाइन ऑर्डर लेकर शराब की होम डिलीवरी करने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई की गई। गिरोह के सरगनाओं को पकड़ा है। यह ग्राहकों को उनके ठिकानों तक ऑनलाइन शराब सप्लाई करवा रहे थे। इनके ऐसे अन्य गिरोह व पूरे चैनल हमारे टार्गेट पर हैं। अवैध शराब बिक्री के नए ट्रेंड पर पुलिस की नजर है। इन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

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