5G सर्विस के चक्कर में लुट सकता है आपका बैंक अकाउंट, ध्यान रखें ये सावधानियां

5G तकनीक के भी कुछ साईड इफेक्ट्स बताए जा रहे हैं परन्तु मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका सबसे बड़ा खतरा मोबाइल यूजर के बैंक अकाउंट को हो सकता है।

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आज पीएम मोदी ने देश में आधिकारिक रूप से 5G Service लॉन्च कर दी है। आने वाले समय में नई 5G टेक्नोलॉजी से न केवल स्मार्टफोन पर HD मूवी जल्दी डाउनलोड करने में मदद करेगी वरन जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, फिर चाहे वो कम्यूनिकेश हो, एजुकेशन हो, साइंस रिसर्च हो या वर्चुअल रिएलिटी से जुड़ी रिसर्च। हालांकि दूसरी तकनीकों की तरह ही 5G तकनीक के भी कुछ साईड इफेक्ट्स बताए जा रहे हैं परन्तु मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका सबसे बड़ा खतरा मोबाइल यूजर के बैंक अकाउंट को हो सकता है।

टेक एक्सपर्ट्स के अनुसार 5G सर्विस लॉन्च होने के बाद सबसे बड़ा खतरा SIM Swap Fraud का है। कोई भी यूजर जो 5G सर्विस लेना चाहेगा, उसे इसके लिए अपनी सिम अपग्रेड करनी होगी और हैकर्स इसी का फायदा उठाएंगे, जिसके चलते धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाएगी।

क्या है SIM Swap Fraud

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सिम स्वैप फ्रॉड वास्तव में जालसाजी का एक तरीका है। इसमें हैकर्स किसी तरह यूजर के मोबाइल नंबर से जुड़ी पर्सनल डिटेल ले लेते हैं और नया सिम कार्ड जारी करवाने के लिए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क कर नई सिम ले लेते हैं। इस तरह पुरानी सिम डीएक्टिवेट हो जाती है और हैकर्स द्वारा ली गई नई सिम काम करने लगती है।

इसी का फायदा उठाकर हैकर्स OTP के जरिए बैंक अकाउंट खाली करने की जुगत में लग जाते हैं और उनका पैसा लूटने लगते हैं। वहीं दूसरी ओर मोबाइल यूजर को इस बात का पता ही नहीं चलता और जानकारी नहीं होने के कारण उसे अपने साथ होने वाले फाइनेंशियल नुकसान का भी पता नहीं चलता।

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सरकार कर रही है कंपनियों से संपर्क

इस संबंध में केन्द्र सरकार के टेलीकॉम विभाग (DoT) ने सिम अपग्रेडेशन को सुरक्षित बनाने के लिए एक योजना बनाने पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनियों को जागरुकता अभियान चलाने के लिए भी कहा जा रहा है।

लीगल एक्सपर्ट्स के अनुसार टेलीकॉम कंपनियां अपने ग्राहकों की पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल्स को अन-वेरिफाइड सोर्स तक पहुंचने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान शुरु कर सकती हैं और उन्हें हर वो जानकारी उपलब्ध करा सकती हैं जो उन्हें SIM Swap Fraud स्कैम से बचा सकें।”

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां समय-समय पर ग्राहकों को उनके मोबाइल और ईमेल्स आईडी पर SMS और ईमेल मैसेज भेज कर इस संबंध में अलर्ट करती रहती हैं। साथ ही उन्हें खुद को बचाने के लिए भी कुछ उपाय सुझाती हैं जिनकी सहायता से ग्राहक अपने-आप को सुरक्षित बना सकते हैं।

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