देश में छा जाएगा राजस्थान का ‘कोटा मॉडल’! मंत्री शांति धारीवाल ने बताई ये बड़ी वजह

कोटा। राजस्थान का कोटा जिला आने वाले दिनों में विकास का पर्याय बनेगा। भारत में कोटा के विकास मॉडल की चर्चा होगी। यह बात राजस्थान…

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कोटा। राजस्थान का कोटा जिला आने वाले दिनों में विकास का पर्याय बनेगा। भारत में कोटा के विकास मॉडल की चर्चा होगी। यह बात राजस्थान के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कही। इस दौरान मंत्री धारीवाल ने कहा कि कोरोना काल में जैसे भीलवाड़ा मॉडल और वर्ष 2014 में गुजरात का मॉडल की चर्चा हुई। उसी प्रकार आने वाले दिनों में भारत में कोटा के विकास मॉडल की चर्चा होगी। आने वाले दिनों में कोटा ही विकास का पर्याय बनेगा। मंत्री धारावील ने बताया कि 12 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा में बने चंबल रिवर फ्रंट का उद्घाटन करेंगे। उस दिन वहां पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट की बैठक होगी।

मंत्री ने कहा कि चंबल नदी 3 राज्यों से होकर बहती है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और यूपी। चंबल का पानी पेयजल, बिजली, सिंचाई के काम आता है। इसकी कभी औपचारिक पूजा नही हुई, लेकिन 12 सितंबर को 125 पंडित पहली बार चंबल माता की 225 फीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति की पूजा करेंगे और सीएम नदी में नाव पर बैठकर उद्घाटन करेंगे।

फ्लड कंट्रोल पर चर्चा…

मंत्री धारीवाल ने कहा कि कोटा में 2 लाख से ज्यादा बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग लेते हैं। ये बच्चे और इनके माता पिता देशभर में यहां के बारे में बताएंगे, इससे कोटा देश में एक बड़े पर्यटक स्थल के तौर पर उभरेगा। इस दौरान प्रोजेक्ट कंसल्टेंट अनूप बरतरिया ने बताया कि चंबल नदी में 27 नाले गिरते हैं, उन नालों के गंदे पानी को ट्रीट किया गया है।

इस प्रोजेक्ट से फ्लड कंट्रोल भी होगा। शहरी विकास का कोटा मॉडल आने वाले समय में देश दुनिया मे जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां आर्किटेक्ट का यह नमूना देशभर में अद्वितीय है। 6 किमी लंबा रिवरफ्रंट है जिस पर 1400 करोड़ की लागत आई है। मंत्री ने कहा कि नगर विकास न्यास ने अपने बजट से पैसा खर्च किया है। 75 एकड़ में सिटी पार्क बना है, वर्ल्ड क्लास पार्क बना है, आने वाले समय इसकी केस स्टडी करने दुनिया भर के लोग आएंगे।

मंत्री ने गिनाई कोटा की खासियतें…

इस दौरान मंत्री धारीवाल ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने यहां कोटा बैराज का लोकार्पण किया था। रिवरफ्रंट पर जवाहर घाट पर विश्व का सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा बनाया गया है। यहां 22 घाटों की अपनी अलग अलग विशेषता है, दुनिया का सबसे बड़ा नंदी भी यहां बना है। पहली बार यहां पंच तत्व के मंदिर वैदिक घाट पर बने हैं। गीता घाट जनता को गीता का उपदेश देता दिखाई देगा। शक्ति योग को मानने अद्वितीय योग करता साधक दिखाई देगा। ऐसे ही एक बगीचे में वृंदावन में 10 अवतारों की मूर्ति लगाई गई है। उन्होंने बताया कि बुलंद दरवाजे से ऊंचा दरवाजा बनाई गया है, जहां ईरानी पेंटिंग की है। मुकुट महल में 80 फीट ऊंची छत है।

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