टाइगर टी-104 की बायोलॉजिकल पार्क में अब नहीं गूंजेगी दहाड़, रणथम्भौर से शिफ्ट करने के बाद हुई मौत

उदयपुर। तीन लोगों की जान लेने के बाद इंसान के लिए खतरा घोषित हुए खूंखार टाइगर टी-104 को सवाई माधोपुर के रणथम्भौर से उदयपुर के…

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उदयपुर। तीन लोगों की जान लेने के बाद इंसान के लिए खतरा घोषित हुए खूंखार टाइगर टी-104 को सवाई माधोपुर के रणथम्भौर से उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क शिफ्ट किया गया। मंगलवार देर रात उदयपुर के सज्जनगढ़ बायलॉजिकल पार्क में छोड़ने के बाद आज उसकी मौत हो गई। फिलहाल, टाइगर टी-104 के मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। वहीं बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम को लॉजिकल पार्क में शिफ्ट किए जाने के बाद टाइगर टी-104 की बुधवार सुबह जब उसे देखा गया तो उसकी तबीयत खराब थी और थोड़ी देर बाद मृत पाया गया। जानकारियां के अनुसार, जब उसे ट्रेंकुलाइज किया गया तो उसे हाई डोज के इंजेक्शन दिए गए इसी के कारण उसकी मौत हुई है।

एक दिन पहले ही उदयपुर में शिफ्ट किया था

बता दें कि करीब साढ़े 6 साल उम्र के इस टी-104 टाइगर को इंसानों के लिए खतरा बनने के बाद जंगल से बाहर कर उदयपुर शिफ्ट किया गया था। इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, दिल्ली से ऑफ डिस्प्ले एंड ब्रीडिंग की अनुमति मिलने के बाद टी-104 टाइगर को यहां लाया गया था।

डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि टाइगर-104 की जैविक उद्यान सज्जनगढ़ में केयरिंग की जानी थी। साथ ही ब्रीडिंग से जैविक उद्यान सज्जनगढ़ में उसकी जेनेटिक पुल डायवर्सिटी बढ़ने की संभावना थी। ऑफ डिस्प्ले का मतलब यानी टाइगर को पर्यटकों के सामने नहीं लाता।

टाइगर टी-104 की विद्या के साथ होनी थी मेटिंग…

सज्जनगढ़ बायलॉजिकल पार्क में अभी टाइग्रेस विद्या है। टाइगर टी-104 की इसके साथ मेटिंग कराई जानी थी। इससे पार्क में टाइगर का कुनबा बढ़ता। जिस एनक्लोजर ने टाइगर-104 को छोड़ा था, इसी एनक्लोजर में करीब 7 साल साल 2015 से 2022 तक उस्तान टी-24 था, जिसके दिसम्बर 2022 में बीमारी के कारण मौत हुई। टी-24 को भी इंसानों के लिए खतरा घोषित किया गया था, क्योंकि टी-24 उस्ताद ने 4 इंसान को मौत के घाट उतार था।

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गर्मी को देखते हुए पिंजरे में लगाई थी बर्फ की सिल्लियां…

रणथम्भौर में टाइगर को एक दिन पहले मंगलवार सुबह 6:30 बजे ट्रेंकुलाइज किया था। फिर इसकी मेडिकल जांच के बाद पिंजरे में शिफ्ट किया। गर्मी को को देखते हुए पिंजरे में बर्फ की सिल्लियां लगाई गई थी। इसके बाद सड़क मार्ग से टाइगर को उदयपुर के सज्जनगढ़ स्थित बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया।

ब्लू आई के नाम से जाना जाता था टाइगर टी-104

टी-104 को ब्लू आई के नाम से जाना जाता था और वह बहुत खूबसूरत माना जाता था। टी-104 ने रणथंभौर क्षेत्र में 3 लोगों पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद टी-104 रणथम्भौर की तालडा रेंज के भिड़ नाका स्थित एनक्लोजर रह रहा था। मंगलवार सुबह एनक्लोजर में टीम पहुंची और टी-104 को टे्रकुंलाइज किया गया था। इसके बाद चिकित्सकों ने बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया। फिर सुबह करीब आठ बजे बाघ को सड़क मार्ग से उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क के लिए रवाना किया गया। वह रात को यहां पहुंचा और बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई।

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