अलवर में टेंपो ने बाइक को मारी टक्कर, हादसे में गर्भवती बेटी समेत माता-पिता की मौत

अलवर। राजस्थान के अलवर में बीती रात भीषण सड़क हादसा हो गया। खेत में मजदूरी कर घर लौटते समय बाइक को टेंपो ने टक्कर मार…

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अलवर। राजस्थान के अलवर में बीती रात भीषण सड़क हादसा हो गया। खेत में मजदूरी कर घर लौटते समय बाइक को टेंपो ने टक्कर मार दी। हादसे में चार महीने की गर्भवती बेटी समेत माता-पिता की मौत हो गई। घटना के बाद ड्राइवर टेंपो को छोड़कर मौके से फरार हो गया। यह हादसा भिवाड़ी के टपूकड़ा थाना क्षेत्र के झुंडपुरी मोड़ के पास सोमवार देर रात करीब 8 बजे हुआ।

खेत से लौटते समय हुआ हादसा…

टपूकड़ा थानाधिकारी भगवान सहाय शर्मा ने बताया कि रायसिख समाज के मुसारी गांव निवासी ज्ञानसिंह (48) अपनी पत्नी नीता कौर (45) और बेटी सुनीता बाई (21) के साथ बाइक से सोमवार की सुबह खेत में कपास बीनने गए थे। रात करीब 8 बजे खेत से वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान घर से 300 मीटर दूर झुंडपुरी मोड़ पर पीछे से आ रहे एक लोडिंग टेंपो ने बाइक को टक्कर मार दी।

टक्कर के बाद बाइक सवार तीनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई और घायलों को तुरंत टपूकड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद ज्ञानसिंह और उसकी पत्नी नीता कौर को मृत घोषित कर दिया। साथ ही उनकी बेटी सुनीता को गंभीर हालत में अलवर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई।

हादसे की सूचना पर अस्पताल पहुंची पुलिस ने तीनों मृतकों का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मौके से टैंपो को जब्त कर लिया है। फरार टैंपो ड्राइवर की तलाश की जा रही है।

बेटी की एक साल पहले हुई थी शादी…

टपूकड़ा थानाधिकारी ने बताया कि मृतक ज्ञानसिंह (48) के तीन बेटियां और दो बेटे हैं। मृतका सुनीता बाई (21) की एक साल पहले ही शादी हुई थी। चार महीने की गभर्वती थी, जो पीहर में कुछ दिन रहने के लिए आई थी। एक बड़ी बेटी सुंदरा (32) है। जिसकी भी शादी हो चुकी है। सबसे छोटी बेटी सिमरन (17) है, जो टपूकड़ा के सरकारी स्कूल में कक्षा 7वीं में पढ़ती है। बड़ा बेटा शैलेंद्र (28) है, जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जो अविवाहित है। एक बेटा गुरविंदर (28) है, जो घर पर ही खेती बाड़ी का काम करता है। घटना के बाद पूरा गांव गमगीन हो गया। मंगलवार सुबह से ही मृतकों के घर लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।