2700 किलो का रोट…क्रेन से पकाया, थ्रेसर से पीसा, शेखावाटी के इतिहास में पहली बार बालाजी को महाभोग

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध देवीपुरा सिद्ध पीठ बालाजी धाम में आज सुबह 2700 किलो के विशेष रोट का भोग लगाया गया।

Sikar Devipura Balaji Dham 1 | Sach Bedhadak

Sikar Devipura Balaji Dham : सीकर। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध देवीपुरा सिद्ध पीठ बालाजी धाम में आज सुबह 2700 किलो के विशेष रोट का भोग लगाया गया। शेखावाटी के इतिहास में पहली बार बालाजी महाराज को ऐसा महाभोग लगा है। इसके साथ ही सीकर के नाम नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया है। इससे पहले सूरत में 127 किलो का रोट बनाया गया था, गिनीज बुक में सूरत का यह रोट का नाम दर्ज है। लेकिन, सीकर में बनाए गए रोट का वजन 2700 किलो है, जो विश्व का सबसे बड़ा रोट है।

बता दें संत श्री रामदास जी पुनासर बाप जी महाराज के सानिध्य में मंदिर परिसर में 24 घंटे से धार्मिक आयोजन चल रहा है। देवीपुरा सिद्ध पीठ बालाजी मंदिर में अखंड राम धुन के बीच बालाजी महाराज को 2700 किलो के रोट का महाभोग लगाया गया। साथ ही बालाजी महाराज से देश और प्रदेश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी। इस दौरान मंदिर परिसर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। महाभोग के बाद भक्तों को प्रसादी का वितरण किया गया।

Sikar Devipura Balaji Dham | Sach Bedhadak

23 घंटे में क्रेन की मदद से तैयार किया रोट

सूरत और फलौदी के पूरनासर से बुलाए गए 20 शेफ ने पूरनासर धाम के संत रामदास महाराज (बापजी) के सानिध्य में इस अनोखे रोट को तैयार किया। इसे बनाने में 12 लाख रुपए खर्च हुए है। 2700 किलो के विशेष रोट को 23 घंटे में क्रेन की मदद से पकाया गया। इसे शुक्रवार सुबह पांच बजे बनना शुरू किया, शनिवार रात तीन बजे बनकर तैयार हुआ। इसमें सवा 11 क्विंटल आटे, ड्राइफ्रूट, सूजी व गाय के देशी घी का इस्तेमाल हुआ है।

ऐसे तैयार किया गया विशेष रोट

मंदिर परिसर में विशालकाय भट्‌टी बनाकर विशेष रोट को तैयार किया गया। खास बात ये रही कि भट्टी को बनाने में 10 दिन का समय लगा। क्रेन की मदद से रोट को जलती हुई भट्टी में सेकने के लिए रखा गया। रोट को भट्टी पर सेकने के लिए स्पेशल तवा व बेलन भी बनवाया गया। तवे का वजन 300 किलो और बेलन का वजन 250 किलो है। ड्राई फ्रूट्स मिक्स करने के लिए एक मिक्सर भी बनाया गया। सबसे पहले 15 कारीगरों ने आटे व सूजी को मिक्स किया। इसके बाद क्रेन की सहायता से तवा रखा गया। वहीं, क्रेन की मदद से बेलन द्वारा आटा गुंथा गया और बेलन से रोट को गोल आकार दिया। इसके बाद क्रेन की मदद से भट्‌टी पर रोट की सिकाई की गई। फिर रोट को थ्रेसर में पीसा गया और महाभोग तैयार किया गया।

महाभोग में डाली ये सामग्री

रोट का कुल वजन 2700 किलोग्राम है। 1125 किलो आटा, सवा सौ किलो सूजी, 400 लीटर दूध, 400 लीटर गाय का देसी घी और 1100 किलो ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण से यह रोट बनाया गया। रोट की गोलाई 11 फीट है और मोटाई 2 फीट है।

महंत का दावा-विश्व का सबसे बड़ा रोट

देवीपुरा बालाजी धाम के महंत ओमप्रकाश शर्मा का दावा है कि यह विश्व का सबसे बड़ा रोट है। इससे पहले सूरत में 127 किलो का रोट बनाया गया था। गिनीज बुक में सूरत का यह रोट का नाम दर्ज है। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में सीकर के इस बालाजी मंदिर का नाम दर्ज कराने के लिए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड को मेल किया गया। गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सीकर का रोट दर्ज करने के लिए दिल्ली से टीम आई थी जो यहां से जानकारी एकत्रित कर ले गई है।

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