सात दिन का दावा फेल, जाति प्रमाण पत्र बनने में लग रहे 2 से 3 महीने

शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश सहित कई योजनाओं में कारगर जाति प्रमाण पत्र को बनवाने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं।

image 2023 06 18T083852.744 | Sach Bedhadak

जयपुर। शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश सहित कई योजनाओं में कारगर जाति प्रमाण पत्र को बनवाने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। भले ही सरकार ने लोक सेवा गांरटी के अधीन जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 7 से 10 दिन की अवधि तय कर रखी है, लेकिन प्रशासन और कर्मचारियों की उदासीनता के कारण जाति प्रमाण पत्र बनने में 2 से 3 महीने तक का समय लग रहा है। जिससे छात्रों के शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश सहित अन्य योजनाओं में पात्र बनने के लिए लोगों के सामने संकट पैदा हो गया है। 

छोटे बच्चों के आरटीई में प्रवेश से लेकर विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए जाति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता से लाखों स्टूडेंट्स के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र समय पर नहीं बनने से अभिभावक भी चिंताग्रस्त हैं। छात्र ई-मित्र सेंटर पर चक्कर लगा रहे हैं। ई-मित्र सेंटर वाले भी लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं और 50 रुपए के फार्मके लिए लोगों से 200 रुपए तक वसूल रहे हैं।

आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को हर साल आती है परेशानी 

जाति प्रमाण पत्र बनने पर अनुसूचित जाति-जन जाति के लिए वैधता जीवन पर्यंत होती है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग के लिए तीन साल की वैधता मिलती है। आर्थिक पिछड़े वर्ग को प्रति वर्ष ही जाति प्रमाण पत्र बनवाना होता है। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आ रही है। शहरों में पटवारी से रिपोर्ट फार्म बनवाने में भी छात्रों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

तीन महीने से प्रमाण पत्र का इंतजार 

करतारपुरा स्थित एक ई-मित्र सेंटर पर अपने जाति प्रमाण पत्र के लिए आई रेणु सैनी ने बताया कि उसने जाति प्रमाण पत्र के लिए अप्रैल में आवेदन किया था। तब ई-मित्र संचालक ने उसे सात से दस दिन में जाति प्रमाण पत्र मिलने की बात कही थी, लेकिन करीब तीन माह बीत जाने के बाद भी कोई अपडेट नहीं आया। रेणु बी कॉम में प्रवेश के लिए प्रमाण पत्र बनवा रही है। ई-मित्र संचालक मनीष सक्सेना ने बताया कि हमारा काम सिर्फ फार्म अपलोड करना होता है। 

सरकार ने जाति प्रमाण पत्र बनाने की अवधि सात से दस दिन तय कर रखी है, लेकिन प्रमाण पत्र में अभी दो से तीन महीने का समय लग रहा है। कई बार फार्म में छोटी सी त्रुटि होने पर भी खारिज कर दिया जाता है, फिर से फार्म दुबारा भरना पड़ता है। इसे बनाने के लिए सरकार ने 50 रुपए फीस तय कर रखी है, जबकि ई- मित्र संचालक इसके 200 रुपए तक वसूल रहे हैं।

ऐसे बनता है जाति प्रमाण पत्र 

जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदक किसी भी ई-मित्र या स्वयं भी ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। फार्म भरने के समय आवेदक के अभिभावक का जाति प्रमाण पत्र, दो राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, स्वप्रमाणित घोषणा पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और पटवारी से रिपोर्ट फार्म लेकर ऑनलाइन जमा कराना होता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *