कौन है कर्नल केसरी सिंह जिनकी वजह से सूबे में आया भूचाल, CM गहलोत को मांगनी पड़ी माफी

RPSC में कर्नल केसरी सिंह राठौड़ की नियुक्ति मामले में सीएम अशोक गहलोत ने माफी मांगी.

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Kesri Singh RPSC Controversy: राजस्थान में विधानसभा चुनावों के ऐलान से ठीक पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य नियुक्त किए गए कर्नल केसरी सिंह राठौड़ को लेकर सूबे की सियासत गरमाई हुई है. इस मामले में शुक्रवार को पहली बार सीएम अशोक गहलोत का बयान आया जिसके बाद माना जा रहा है कि मामला अब ठंडा पड़ सकता है लेकिन आसार कम ही दिखाई पड़ते हैं.

कर्नल केसरी सिंह के कुछ जाति विशेष को लेकर दिए बयानों के वीडियो आग की तरह सोशल मीडिया पर फैले जिसके बाद खुद सीएम गहलोत ने दुख जताते हुए कहा कि मेरे से एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई. सीएम ने मामले पर कहा कि हमारी सरकार ने आर्मी बैकग्राउंड देखकर कर्नल केसरी सिंह को RPSC मेंबर बनाया था लेकिन उनके पुराने बयान सुनकर मुझे बेहद दुख हुआ और अब लगता है कि मेरे से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई.

उन्होंने यह भी बताया कि हमने प्रयास किया कि उन्हें वापस बुलाकर उनसे बातचीत की जाए लेकिन वह नहीं आए. बता दें कि आरपीएससी मेंबर बनने के बाद केसरी सिंह ने अभी तक जॉइन नहीं किया है.

‘गहलोत ने कहा कर्नल के बयान निंदनीय’

वहीं सीएम ने आगे कहा कि किसी भी सेना में रहे व्यक्ति से जाति, धर्म, वर्ग इत्यादि से ऊपर उठकर देशसेवा की उम्मीद की जाती है और सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर देते हैं इसीलिए ही हमनें कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति की थी लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर उनके कुछ बयान वायरल हुए जो निंदनीय, पीड़ादायक एवं दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

सीएम ने कहा कि उनकी टिप्पणियों से मुझे भी बहुत दुख पहुंचा है और हमारी सरकार ने उनके सैन्य बैकग्राउंड को देखते हुए उनकी नियुक्ति की सिफारिश की थी. मालूम हो कि हाल में सरकार ने RSSB के अध्यक्ष के रूप में मेजर जनरल आलोक राज एवं RPSC में सदस्य के रूप में कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति की सिफारिश की थी.

कौन है कर्नल केसरी सिंह राठौड़?

बता दें कि कर्नल केसरी सिंह राठौड़ नागौर जिले में मकराना विधानसभा के गांव शिवरासी के निवासी है जो पिछले 21 सालों से सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे. वहीं बीते दिनों उन्होंने सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. वहीं केसरी सिंह के सेना छोड़ने के बाद माना जा रहा था कि वह चुनावी किस्मत आजमाएंगे. इसके साथ ही उनकी मकराना सीट से चुनाव लड़ने की भी चर्चा चल रही थी.