करणपुर में चली सहानुभूति की लहर! आखिर क्यों मंत्री बने सुरेंद्र टीटी को लोगों ने नहीं बनाया विधायक?

करणपुर सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी को मंत्री बनाकर बड़ा दांव खेला था लेकिन जनता ने उसे नकार दिया.

sach 1 3 1 | Sach Bedhadak

Sri Karanpur Assembly Election 2024: राजस्थान के गंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने धमाकेदार जीत दर्ज की है जहां कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर ने बीजेपी सरकार में मंत्री बनाए गए सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को करीब 11261 वोटों से शिकस्त दी है. करणपुर सीट पर 5 जनवरी को वोटिंग हुई थी. बीजेपी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में शुरू से ही नए प्रयोग किए उसी की तर्ज पर करणपुर में भी एक नया और बड़ा दांव खेला गया था लेकिन जनता ने उसे नकार दिया.

दरअसल राजस्थान में भजनलाल सरकार में करणपुर से प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को विधायक बनने से पहले ही मंत्री की शपथ दिलवाई गई लेकिन नतीजों में यह दांव उल्टा पड़ गया. श्रीगंगानगर की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेंद्र पाल सिंह टीटी कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर से 11261 वोटों से हारे हैं. वहीं कुन्नर को 94761 और टीटी को 83500 वोट मिले हैं.

कांग्रेस की जीत के बाद जहां कांग्रेसी नेताओं में उत्साह है और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कुन्नर को बधाई देते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. वहीं राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने हार की समीक्षा करने की बात कही है.

सहानुभूति की लहर के आगे कुछ नहीं चला!

दरअसल रूपिंदर सिंह कुन्नर की जीत में उनके पिता के निधन से खाली हुई श्रीकरणपुर सीट पर चली सहानुभूति लहर की अहम भूमिका रही है जहां रुपिंदर के पिता गुरमीत सिंह पिछले 40 सालों से विधानसभा की राजनीति में सक्रिय थे और चुनावों से ठीक पहले गुरमीत सिंह के निधन के बाद उनके बेटे के पक्ष में माहौल बना.

वहीं रूपिंदर सिंह कुन्नर और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी यह खुद स्वीकार किया था कि श्रीकरणपुर की जनता का एक-एक वोट उनके पिता गुरमीत सिंह कुन्नर को सच्ची श्रृद्धांजलि होगा. हालांकि प्रदेश में जिसकी सरकार होती है उपचुनावों में वोटर्स का रूझान उधर ही देखने को मिलता है लेकिन करणपुर की जनता ने पूरे समीकरण बदल दिए.

भजनलाल सरकार की थी पहली बड़ी परीक्षा!

वहीं इधर बीजेपी ने कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह कुन्नर को हराने के लिए बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रपाल टीटी को मंत्रिमंडल में शामिल किया और 10 दिन पहले जयपुर में शपथ भी दिलवा दी. बताया गया कि बीजेपी रूपिंदर सिंह कुन्नर के सहानुभूति वोट काटने के लिए ये दाव चल रही है. टीटी को भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री( स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया बाद में 4 अहम विभाग भी दिए गए.

मालूम हो कि जनता के रुख के आगे कांग्रेस सरकार के भी किसी मंत्री की नहीं चली थी और करीब-करीब सभी को हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि टीटी को मंत्री बनाने की वजह से उनके खिलाफ गंगानगर और हनुमानगढ़ के भी कुछ स्थानीय नेता उतरे हुए थे. इसके अलावा प्रदेश में सरकार बनने के बाद श्रीकरणपुर को लेकर बीजेपी ओवर कॉन्फिडेंट दिखाई दे रही थी जिसकी झलक चुनाव से पहले ही प्रत्याशी को मंत्री बनाकर दिखाई दी.