राजस्थान से OBC और आदिवासी चेहरे पर राज्यसभा का दांव, 2024 से पहले BJP का क्या है गेम प्लान?

Rajasthan Rajyasabha Election 2024: देश में 15 राज्यों में राज्यसभा के 56 सदस्यों का चुनाव होना है जहां नामांकन से पहले राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों…

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Rajasthan Rajyasabha Election 2024: देश में 15 राज्यों में राज्यसभा के 56 सदस्यों का चुनाव होना है जहां नामांकन से पहले राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने लगे हैं. इन 56 लोगों में राजस्थान से इस बार 3 सदस्य राज्यसभा जाएंगे जिसको लेकर सोमवार को बीजेपी ने अपने दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. बीजेपी ने राजस्थान से ओबीसी और आदिवासी वोटबैंक को साधते हुए चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौर के नाम पर मुहर लगाई है. हालांकि कांग्रेस के उम्मीदवार का अभी इंतजार किया जा रहा है जहां सोनिया गांधी के नाम की अटकलें चल रही है. बीजेपी ने राजस्थान से दो पूर्व विधायकों पर दांव खेला है वहीं ये दोनों ही चेहरे ऐसे हैं जो राजस्थान में ज्यादा चर्चित नहीं है.

बता दें कि चुन्नीलाल गरासिया पहले उदयपुर ग्रामीण से विधायक रह चुके हैं राज्यमंत्री भी रहे हैं. वहीं वर्तमान में वह बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. गरासिया का संघ से पुराना नाता रहा है और वे बेहद लो प्रोफाइल छलि वाले नेता माने जाते हैं. वहीं मदन राठोर भी दो बार के विधायक रहे हैं. ऐसे में लोकसभा चुनावों से पहले किस रणनीति के तहत बीजेपी ने इन दोनों चेहरों को राज्यसभा भेजा है क्योंकि इससे पहले कई अन्य नामों की अटकलें चल रही थी.

पहले जानिए कौन है मदन राठौर और चुन्नीलाल गरासिया?

बता दें कि चुन्नीलाल गरासिया उदयपुर ग्रामीण से 2 बार विधायक रहे हैं और इससे पहले वह भेरूसिंह शेखावत की सरकार में पहली बार विधायक बनते ही चिकित्सा राज्य मंत्री और खान राज्य मंत्री बने थे. गरासिया मूल रूप से डूंगरपुर के बिलुडा गांव के रहने वाले हैं जहां राजनीति में आने से पहले वह बैंक में एलडीसी हुआ करते थे. वहीं गरासिया संघ पृष्ठभूमि में काफी पुराने जुड़े हैं. इसके साथ ही वर्तमान में वह बीजेपी के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.

वहीं मदन राठौर पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार के विधायक रहे हैं जहां ओबीसी वर्ग से आने वाले मदन पिछली बीजेपी सरकार में सरकारी उप मुख्य सचेतक भी थे. इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में वह सुमेरपुर से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर निर्दलीय नामांकन कराया था हालांकि बाद में आलाकमान के समझाने पर नाम वापस ले लिया था.

OBC और आदिवासी वोटबैंक में सेंध!

दरअसल गरासिया ने 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में उदयपुर ग्रामीण और गोगुंदा से विधायकी के लिए टिकट मांगा था लेकिन उन्हें नहीं मिला जिसके बाद अब 2024 के लोकसभा चुनाव में वह उदयपुर लोकसभा सीट के लिए बीजेपी से प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे लेकिन अब उन्हें लोकसभा चुनावों से पहले राज्यसभा भेजा जा रहा है.

जानकारों का कहना है कि राजस्थान में तीन एसटी सीटें हैं जहां बांसवाड़ा और उदयपुर एसटी सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपना दबाव गरासिया को राज्यसभा भेजकर कम कर लिया है. इसके अलावा राठौर ओबीसी समुदाय से आते हैं ऐसे में उसका भी कई सीटों पर सीधा असर देखने को मिलेगा.