राजस्थान में जाट आंदोलन के बीच अब राजपूतों ने उठाई आरक्षण की मांग, देवी सिंह भाटी ने केंद्र के पाले में डाली गेंद

Rajasthan News: बीकानेर के कोलायत से 7 बार विधायक रह चुके देवी सिंह भाटी ने जाट आरक्षण की मांग को लेकर उठे स्वर के बीच ईडब्ल्यूएस को केंद्रीय सेवाओं में लागू करने की मांग उठाई है।

devi singh bhati | Sach Bedhadak

Rajasthan News: राजस्थान में एक बार फिर से जाट आरक्षण की सुगबुगाह तेज हो गई है। भरतपुर और धौलपुर के जाट आंदोलन (Jat Andolan) की राह पर है। केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर जाटों ने आज दिल्ली-मुंबई ट्रैक के किनारे महापड़ाव डाल दिया है। वहीं दूसरी तरफ बीकानेर में कोलायत विधानसभा से 7 बार विधायक रह चुके देवी सिंह भाटी अब फिर से फॉर्म में आने लगे हैं। देवी सिंह भाटी ने केंद्रीय सेवाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) लागू करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि अब केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है तो दोनों सरकारों को इस पर विचार करना चाहिए।

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ईडब्ल्यूएस आरक्षण की उठाई मांग

देवी सिंह भाटी कोलायत से 7 बार विधायक रह चुके हैं। लंबे वक्त तक भाजपा से दूर रहने के बाद 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में उनके पोते अंशुमान को भाजपा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला और एमएलए बन गए। पोते के एमएलए बनते ही देवी सिंह भाटी एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। बीकानेर के बड़े जन आधार वाले नेताओं में शामिल देवी सिंह भाटी ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को केंद्रीय सेवाओं में शामिल करने की मांग उठाई है और गेंद को वरिष्ठ नेताओं के पाले में डाल दिया है।

मेघवाल से 36 का आंकड़ा

देवी सिंह भाटी और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के बीच 36 का आंकड़ा चल रहा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों ने गले मिलकर रिश्तों की कड़वाहट को दूर किया। बीकानेर से एक मात्र एमएलए सुमित गोदारा को सीएम भजनलाल के मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है और वह जाट समाज से आते हैं। भाटी का कहना है कि लंबे समय बाद ईडब्ल्यूएस को रिजर्वेशन हासिल हुआ है। राज्य में ये तो यह लागू हो गया, लेकिन केंद्रीय सेवाओं में अब तक लागू नहीं हुआ है। आने वाले समय में ईडब्ल्यूएस का फायदा लेने वाले अभ्यर्थियों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।

जाट समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी

राजस्थान में आरक्षण का जिन्न समय-समय पर बाहर आता रहा है और राजनीतिक पार्टियों ने भी इसे खूब भुनाया है। अब जाट समाज भी अपने लिए अलग से आरक्षण की मांग को लेकर उठ खड़ा हुआ है। जाट समाज ने आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है। हालांकि, बीकानेर के आसपास अभी इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है। लेकिन आंदोलन के गति पकड़ने पर इसका असर पूरे राजस्थान में देखने को मिल सकता है। जैसा नजारा गुर्जर आंदोलन के दौरान देखने को मिला था। गुर्जर आंदोलन के वक्त देखा गया था कि पूरे राजस्थान में हाईवे और रेल पटरियां जाम कर दी गई थी।

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