जोधपुर में जंग के मैदान में आमने-सामने राजपूत चेहरे, क्या कांग्रेस का 2014 वाला फॉर्मूला फिर होगा फेल?

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अब चुनावी बिसात बिछ चुकी है जहां बीजेपी और कांग्रेल दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के नामांकन…

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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अब चुनावी बिसात बिछ चुकी है जहां बीजेपी और कांग्रेल दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के नामांकन भरने का सिलसिला शुरू हो चुका है. वहीं प्रत्याशी अपने अपने इलाकों में जाकर चुनावी बिगुल बजा चुके हैं. इस बीच सूबे में कई सीटों पर मुकाबला रोचक हो गया है जिनमें एक सीट मारवाड़ की जोधपुर भी है जहां पिछले दो चुनाव जीत चुके केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं.

वहीं उनके सामने कांग्रेस ने भी राजपूत चेहरे पर दांव खेलते हुए करण सिंह उचियारड़ा को टिकट दिया है. शेखावत पिछले 10 साल से जोधपुर की सत्ता में जमे हुए हैं ऐसे में करण सिंह का मुकाबला आसान नहीं होने वाला है. मालूम हो कि बीजेपी इस बार राम मंदिर और हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है वहीं करण सिंह अशोक गहलोत के गृह जिले में चुनाव लड़ने जा रहे हैं जहां इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चली गई थी.

अभी तक के चुनाव प्रचार में शेखावत मोदी सरकार के 10 सालों के काम पर वोट मांग रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा शेखावत को बाहरी बताकर उनकी घेराबंदी करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

2014 में कांग्रेस ने उतारा था राजपूत चेहरा

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी जोधपुर में राजपूत चेहरों के बीच मुकाबला हुआ था जहां कांग्रेस ने पूर्व राज परिवार की सदस्य चंद्रेश कुमारी को चुनावी मैदान में उतारा था हालांकि वह चुनाव हार गई थी. कांग्रेस ने राजपूत चेहरे के सामने राजपूत उतारने का प्रयोग 2014 के बाद अब 2024 में किया है.

इस चुनाव के बीच में कांग्रेस ने राजपूत चेहरे से किनारा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने वैभव करीब पौने तीन लाख वोटों से हारे थे लेकिन कांग्रेस ने एक बार फिर अब फिर से शेखावत के सामने राजपूत प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.

25 साल से कांग्रेस से जुड़े हैं उचियारड़ा

करण सिंह पिछले 25 सालों से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और वह 5 साल तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रहे हैं. राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में करण सिंह ने सुमेरपुर विधानसभा से टिकट की मांग की थी लेकिन नहीं मिली. करण सिंह उचियारड़ा को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबियों में गिना जाता है. वह प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट और डेवलपमेंट का काम करते रहे हैं.