जाट-ब्राह्मण या जाट-दलित कॉम्बिनेशन? कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष की तस्वीर अभी तक धुंधली, ये हैं 5 मुख्य दावेदार

राजस्थान में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी भी तस्वीर धुंधली नजर आ रही है.

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Rajasthan Congress Leader Of Opposition: राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भजनलाल सरकार अपने पूरे रंग रूप में जमीन पर उतर गई है जहां मंत्रिमंडल की शपथ के बाद उनके विभागों का भी बंटवारा हो गया. वहीं विधानसभा में स्पीकर और मुख्य सचेतक के नाम भी फाइनल हो गए. इसके अलावा कुछ दिनों में विधानसभा का सत्र भी शुरू होने वाला है लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी भी तस्वीर धुंधली है. बीजेपी सरकार के मंत्रिमंडल गठन में देरी पर हमलावर कांग्रेस अब तक अपने नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है.

जानकारी के मुताबिक राजस्थान विधानसभा में 19 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने वाला ऐसे में बताया जा रहा है कि कांग्रेस अगले 7 दिन में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है. माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस में चुनावों में समय भी कांग्रेस में खेमेबाजी देखने को मिली थी जिसके बाद अब भी हाईकमान के सामने गहलोत और पायलट दोनों खेमे अपनी जोर आजमाइश कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि कांग्रेस दलित-आदिवासी कार्ड या फिर जाट-ब्राह्मण कॉम्बिनेशन पर मंथन कर रही है.

नेता प्रतिपक्ष की रेस में 5 दावेदार

बता दें कि कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष का नाम फाइनल होने से पहले रेस में कई नाम चल रहे हैं जिनमें महेंद्रजीत मालवीय, गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी, हरिमोहन शर्मा, टीकाराम जूली के नाम आगे चल रहे हैं. माना जा रहा है कि जातिगत समीकरणों को देखते हुए आलाकमान नामों पर मंथन कर रहा है जहां ओबीसी प्रदेशाध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष किसी दलित या आदिवासी या फिर किसी ब्राह्मण चेहरे का कॉम्बिनेशन बनाया जाए.

मालूम हो कि मालवीय आदिवासी चेहरा है और अशोक गहलोत के करीबी रहे हैं वहीं पूर्व में सामाजिक न्याय मंत्री रहे अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली का भी दलित चेहरे के तौर पर नाम आगे बढ़ाया जा रहा है. वहीं नेता प्रतिपक्ष की रेस में जाट चेहरों में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी का नाम भी चल रहा है.

CM को देखते हुए ब्राह्मण चेहरे पर भी मंथन!

मालूम हो कि बीजेपी की ओर से सीएम भजनलाल शर्मा को बनाकर ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला गया जहां दूसरी ओर कांग्रेस भी नेता प्रतिपक्ष या प्रदेशाध्यक्ष में किसी एक पर ब्राह्मण चेहरे को आगे कर सकती है. ब्राह्मण चेहरों में वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा, राजेंद्र पारीक का नाम चल रहा है.