अशोक गहलोत के बचाव में दीवार बन खड़े हुए पायलट! राज्यपाल के अभिभाषण पर किया करारा पलटवार

विधानसभा में गवर्नर कलराज मिश्र ने अभिभाषण पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने करार पलटवार किया है.

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Rajasthan Assembly Session 2024: राजस्थान में भजनलाल सरकार बनने के बाद शुक्रवार को 16वीं विधानसभा की पहली बैठक की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई. गवर्नर कलराज मिश्र ने अभिभाषण में भजनलाल सरकार का विजन रखा और गहलोत सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं करने का भी वादा किया. वहीं उन्होंने जल जीवन मिशन जैसे घोटाले की जांच करने की बात भी कही. इसके अलावा राज्यपाल मिश्र ने अभिभाषण में भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था और राज्य की खराब आर्थिक स्थिति को लेकर गहलोत सरकार पर तीखा हमला भी किया.

कलराज मिश्र ने कहा कि पिछली सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया था और चुनावी माहौल में बिना वित्तीय प्रबंधन के कई योजनाएं लाई गई जिन्हें अब पूरी तरह समीक्षा करने के बाद ही लागू किया जाएगा.वहीं राज्यपाल के इस अभिभाषण पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ने तुरंत पलटवार किया.

गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राज्यपाल से अभिभाषण में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर मिथ्यारोप पढ़वा दिए गए जो उचित नहीं है. वहीं पायलट ने कहा कि बीजेपी सरकार ने महामहिम के पद को भी राजनीतिक छींटाकशी में फंसाने का काम किया है.

गहलोत बोले- हमारी योजनाओं की पूरे देश में होती है चर्चा

गहलोत ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाएं ऐसी रहीं जिनकी चर्चा और सराहना प्रदेश ही नहीं पूरे देश में हुई और आमजन व कई विशेषज्ञों का तो यह मत है कि इन योजनाओं को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि नई सरकार का कर्तव्य है कि इन योजनाओं का और बेहतर ढंग से जनता को लाभ पहुंचाए और राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के माध्यम से अपना विजन जनता के सामने रखे लेकिन ऐसा करने के बजाय सरकार ने राज्यपाल महोदय से अभिभाषण में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर मिथ्यारोप पढ़वा दिए जो कि उचित नहीं है.

पायलट बोले- बीजेपी सरकार अपना विजन बताए

वहीं पायलट ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि राजस्थान की बीजेपी सरकार ने महामहिम के पद को राजनीतिक छींटाकशी में फंसाने का काम किया है और पुरानी सरकार को कोसने का काम चुनाव प्रचार में किया जा सकता था लेकिन विधानसभा के पटल पर राज्यपाल के अभिभाषण में ऐसा नहीं होना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अगले 5 साल में क्या काम करेगी, उनका विजन क्या है और वह किन योजनाओं को लेकर आएगी इस पर राज्यपाल का अभिभाषण होना चाहिए था लेकिन इसकी बजाय पूर्व सरकार पर आरोप लगाना बीजेपी की मानसिकता को दर्शाता है.