रणथंभौर से खुशखबरी….ऐरोहेड के नाम से विख्यात T-84 चौथी बार बनीं मां, तीन शावकों को दिया जन्म

सरिस्का और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बाद अब रणथंभौर से वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद खबर सामने आई है।

Ranthambore National Park

Ranthambore National Park : सवाई माधोपुर। सरिस्का और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बाद अब रणथंभौर से वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद खबर सामने आई है। ऐरोहेड (टी-84) के नाम से विख्यात बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इसके साथ ही सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों के कुनबा बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि अब रणथंभौर में बाघों की संख्या 90 के पार पहुंच गई है।

रणथंभौर की बाघिन एरोहैड (टी-84) के साथ आज तीन शावक देखे गए। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने दोपहर बाद इस बात का खुलासा किया। साथ ही कुछ तस्वीरें भी शेयर की है। बाघिन एरोहैड अपने शावकों के साथ अभी सवाईमाधोपुर रेंज में विचरण कर रही है। ऐसे में डीएफओ मोहित गुप्ता ने बाघिन T-84 की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है।

बाघिन टी-84 ऐरोहेड रणथंभौर की विख्यात बाघिन मछली की बेटी टी-19 कृष्णा की दो बेटियों में से एक है। यह चौथी बार है जब बाघिन ने शावकों को जन्म दिया है। अभी इस बाघिन की उम्र करीब 9 वर्ष है। शावकों के जन्म से पहले यह बाघिन कमजोर दिख रही थी। जिसकी मॉनिटरिंग व ट्रैकिंग के लिए फील्ड स्टाफ को निर्देश दिए थे। शावकों को जन्म देने के बाद बाघिन टी-84 काफी स्वस्थ दिख रही है।

इसी महीने सरिस्का और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व से आई थी खुशखबरी

बता दें कि करीब 10 दिन पहले ही रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघिन RVT-2 ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इसी महीने के पहले सप्ताह में अलवर जिले के सरिस्का टाइगर रिजर्व में भी बाघिन एसटी-19 ने दो शावकों को जन्म दिया था। अब रणथंभौर में बाघिन टी-84 में ने 3 शावकों को जन्म दिया है। प्रदेश में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ने से वन्य प्रेमी काफी खुश है।

देश में सबसे ज्यादा बाघ एमपी में

राजस्थान अब ऐसे राज्यों में शामिल हो गया है, जहां 100 या इससे ज्यादा बाघ हैं। इनमें मध्य प्रदेश सबसे आगे है, जहां पर करीब 600 बाघ हैं। कर्नाटक में करीब 550, उत्तराखंड में 450 से अधिक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में करीब 300-300, असम, यूपी और केरल में करीब 200-200, राजस्थान में 109 और वेस्ट बंगाल में 100 से अधिक बाघों की संख्या है।

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