अब 20 से अधिक जगहों से उठ रही जिला बनाने की मांग, मालपुरा में अनशन, बांदीकुई और महवा में अनिश्चितकालीन धरना शुरू

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से 19 नए जिलों के गठन की घोषणा के बाद कहीं खुशी जताई जा रही है, तो कहीं सरकार के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है।

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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से 19 नए जिलों के गठन की घोषणा के बाद कहीं खुशी जताई जा रही है, तो कहीं सरकार के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है। प्रदेश में जिलों की संख्या 50 होने के बाद भी 20 से अधिक स्थानों से जिला बनाने की मांग उठ रही है। जिला बनाने के साथ ही जिले की सीमाओं को लेकर भी विवाद बढ़ रहा है। जिलों के गठन पर हो रहे विरोध करने वालो में सत्ता पक्ष के और विपक्ष के कई विधायक और जनप्रतिनिधि हैं।

टोंक के मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर बीते एक सप्ताह से जिला बनाओ संघर्ष समिति के लोग अनशन कर रहे हैं, वहीं सोमवार को गुर्जर समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें राजस्थान जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील और महासचिव मदन चौधरी भी शामिल हुए और आंदोलन का समर्थन किया। मालपुरा में प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तारियां देकर सरकार से जिला बनाने की मांग की गई। इधर नागौर के मेड़ता सिटी, चूरू के सुजानगढ़ सहित करीब 10 से अधिक जिलों में नए जिले बनाने की मांग की जा रही है।

जयपुर शहर को बांटने का विरोध

नए जिलों के गठन में जयपुर जिले को 4 जिलों में बांटा गया। इनमें कोटपूतली और दूदू को जिला बनाने के साथ ही जयपुर को दक्षिण और उत्तर में बांटने का विरोध हो रहा है। हालांकि इन दोनों जिलों की सीमाएं अभी निर्धारित नहीं की गई हैं। लेकिन जयपुर की सांस्कृतिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक धरोहर को दो हिस्सों में बांटे जाने का कयास लगाते हुए राजनीतिक, सामाजिक, व्यापारिक और धार्मिक संगठन इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। साथ ही आमेर से सांगानेर तक एक जयपुर रखने की मांग उठाई जा रही है।

विधायक रफीक खान को सौंपा ज्ञापन

जयपुर। शहर को दो जिलों में विभाजित नहीं करने को लेकर शहरवासियों ने विधायक रफीक खान को ज्ञापन सौंपा। शहरवासियों ने कहा कि जयपुर शहर को दो हिस्सों में नहीं बांटा जाए। इस बीच जयपुर की सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक विरासत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में चर्चा की गई। इस दौरान कांग्रेस के नेता सुरेश मिश्रा, पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल, पार्षद विमल अग्रवाल और इतिहास विद्ध जितेंद्र सिंह शेखावत मौजूद रहे।

बांदीकुई और महवा को जिला बनाने की मांग

दौसा जिले में भी अब 2 नए जिले बनाने की मांग तेजी के साथ उठने लगी है। बांदीकु ई विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने बांदीकुई को जिला बनाने और सर्व समाज द्वारा महवा को जिला बनाने की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। बांदीकुई से सत्तापक्ष के विधायक जीआर खटाना भी लोगों की मांग के समर्थन में सड़क पर उतर गए हैं। इसके अलावा बीकानेर के सूरतगढ़, खाजूवाला, जालौर के भीनमाल, सांभर से भी जिला बनाने की मांग उठ रही है।

व्यापारी और आमजन हो रहे लामबंद

जिला बनाने और नए जिलों में शामिल नहीं होने के लिए प्रदेश के 60 से अधिक ब्लॉकों में विरोध जताया जा रहा है। मेड़ता सिटी और चूरू जिले के सुजानगढ़ को जिला बनाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जा रही है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों द्वारा बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। मेड़ता की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया के जरिये अभियान भी चलाया जा रहा हैं। इधर सुझानगढ़ में बीते 15 दिनों से प्रदर्शन किए जा रहे हैं, इस बीच स्थानीय विधायक मनोज मेघवाल ने भी समर्थकों के साथ सीएम से मुलाकात कर मांग रखी।

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