एक मंच पर दिग्गजों की गपशप, तो चलाए सियासी तीर भी… अनोखे नजारे के साथ राजनीति का अखाड़ा बनी नाथद्वारा की भूमि 

राजसमंद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाथद्वारा दौरे में एक मंच पर कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता दिखाई दिए। यहां तस्वीरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…

अशोक गहलोत और नरेंद्र मोदी

राजसमंद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाथद्वारा दौरे में एक मंच पर कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता दिखाई दिए। यहां तस्वीरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अशोक गहलोत आपस में गपशप करते भी नजर आए लेकिन जब मंच पर संबोधन का नंबर आया,  तब दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर राजनीतिक वार किए। दोनों ने एक दूसरे पर विकास कार्य को लेकर तंज भी कसा। अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में विपक्ष के सम्मान का मुद्दा तक उठा डाला। तो प्रधानमंत्री ने विपक्ष को नेगेटिवटी से भरा हुआ बता दिया।

अशोक गहलोत के सवालों और मांगों में तंज

देखा गया है कि कई बार सीएम अशोक गहलोत सार्वजनिक मौकों पर यह कहते नजर आते हैं कि भाजपा और मोदी सरकार विपक्ष को तवज्जो नहीं दे रही है। विपक्ष को देश से खत्म करना चाहती है,यह बात राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के दौरान बेतहाशा उछाली गई थी। इस बात को उन्होंने नरेंद्र मोदी के सामने भी उठाया और कह दिया कि पक्ष है तो विपक्ष जरूर होगा और अगर विपक्ष नहीं होगा तो पक्ष का क्या मतलब है। अशोक गहलोत ने सिर्फ इतना ही नहीं कहा उन्होंने बातों-बातों में राजस्थान को गुजरात से आगे भी बता दिया डाला। उन्होंने नरेंद्र मोदी के सामने ही मंच से कहा कि पहले हम गुजरात से अपने आप को प्रतिस्पर्धा में रखते थे। तब काफी पीछे पाए जाते थे लेकिन आज का जमाना ऐसा हो गया है कि हम अब गुजरात से भी आगे निकल गए हैं। 

यहां ध्यान देने वाली बात यह होगी कि साल 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव के लिए कैंपेनिंग करते थे। रैली में जाते थे तो वह पूरे देश को गुजरात मॉडल का उदाहरण देते थे कि चुनाव में आएंगे तो गुजरात के मॉडल जैसा विकास होगा। बहरहाल 2014 की जगह अब समय 2023 का है। अगले चुनाव में गुजरात मॉडल नहीं बल्कि 10 सालों में उन्होंने क्या काम किया वह मॉडल में जनता के सामने रखेंगे। 

मोदी के जवाब में सियासी तीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन के लिए नंबर आया तो उन्होंने  अपनी सरकारी योजनाओं की उपलब्धियां तो गिना ही दीं साथ में अशोक गहलोत के सवालों का जवाब भी दे डाला, जो उन्होंने अपने संबोधन के दौरान उठाए थे। अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा था कि जिला मुख्यालय होने के बावजूद राजस्थान के 3 जिले अभी तक रेल कनेक्टिविटी से कोसों दूर हैं। परियोजना शुरू होने के बाद बंद हो चुकी है। ERCP का मुद्दा भी गहलोत ने उठाया जिसमें उन्होंने यहां तक कह दिया कि आप यानी नरेंद्र मोदी ने अजमेर और जयपुर में जो बयान दिए थे उन पर अडिग रहते हुए आप आगे काम करिए, क्योंकि इसमें आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। पानी के लिए लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गांवों में पानी की समस्या होती है तो हम कल्पना कर सकते हैं कि कितने मुश्किल होती है। आपको मध्य प्रदेश से विवाद में मध्यस्तता करनी चाहिए।

गुजरात से आगे है आज राजस्थान

इस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में कुछ ऐसे लोग हो गए हैं जिन्हें देश में कुछ भी अच्छा होते नहीं देख सकते हैं। कुछ भी अच्छा होता है तो वह विरोध के लिए विवाद खड़ा कर देते हैं। इतने नेगेटिवटी से ये लोग भरे हुए हैं। साथ में ये भी कहा कि अगर पहले की सरकारें इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देती तो पानी की समस्या नहीं आती,कनेक्टिवटी की समस्या नहीं आती पहले अस्पताल बना दिए होते तो डॉक्टर्स की समस्या नहीं आती।

एक ही मंच पर हुई जमकर राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अशोक गहलोत के बयानों से साफ अंदाजा लग गया है कि कार्यक्रम भले ही जनता का हौ, 5500 करोड़ की योजनाएं जनता को दे दी गई लेकिन यहां भी दोनों दिग्गज नेताओं ने जमकर राजनीति की दोनों ने एक दूसरे के ऊपर सियासी दांव खेलकर आरोप-प्रत्यारोप मढ़ ही दिए। जिसे पूरे देश ने देखा, पूरे प्रदेश की जनता ने देखा।

इन नेताओं के सियासी नेताओं के सियासी बयानों से यह तो साफ हो गया है कि राजस्थान का चुनाव आसान नहीं होने वाला है। इसमें इस तरह के कई दिलचस्प नजारे और चीजें देखने को मिल सकती है लेकिन यह देखना कि इन दोनों नेताओं की बातों का असर जनता पर कितना पड़ता है यह चुनाव के रिजल्ट में ही पता चलेगा।

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