Monsoon Update : कई जिलों में बाढ़ के हालात, कोटा बैराज के 4 गेट खोले, 25 तक बारिश का अलर्ट

प्रदेशभर में रविवार को हुई झमाझम बारिश के बाद सावन के दूसरे सोमवार को भी कई जिलों में इन्द्रदेव मेहरबान है।

image 2023 07 17T155720.676 | Sach Bedhadak

Monsoon Update : जयपुर। राजस्थान में मॉनसून पूरी तरह सक्रिय है। प्रदेशभर में रविवार को हुई झमाझम बारिश के बाद सावन के दूसरे सोमवार को भी कई जिलों में इन्द्रदेव मेहरबान है। एक ओर बारिश के चलते मौसम खुशनुमा बना हुआ है तो दूसरी ओर कई जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए है। अजमेर में सुबह हो रही बारिश के कारण बाढ़ के हालात पैदा हो गए है। वहीं, हाड़ौती अंचल में भी कुछ ऐसे ही हालात है।

लगातार हो रही बारिश के कारण कोटा बैराज के गेट खोले गए हैं। मौसम विभाग की मानें तो अभी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। प्रदेश के 16 जिलों में आज बारिश की संभावना है। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक और नया तंत्र एक्टिव हो रहा है, जिसके चलते 19 से 25 जुलाई तक राजस्थान में बारिश का दौर बना रहेगा।

आज इन जिलों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग की माने तें आज भी कई जिलों में तेज बारिश के आसार हैं। राजधानी जयपुर में भी बादल छाए हैं और बारिश की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने चूरू, झुंझुनूं, सीकर, हनुमानगढ़, नागौर, भीलवाड़ा. बूंदी, टोंक, कोटा, बारां, झालवाड़, चितौड़गढ़, सवाईमाधोपुर, करौली, भरतपुर, धोलपुर जिले में मेघगर्जन व आकाशीय बिजली के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

नया तंत्र सक्रिय होने से 25 जुलाई तक बारिश का दौर

मौसम केंद्र जयपुर की मानें तो वर्तमान में मानसून ट्रफ लाईन बीकानेर, सीकर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। एक परिसंचरण तंत्र दक्षिणी झारखंड के ऊपर अवस्थित है। आगामी 48 घंटों में उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में एक और नया परिसंचरण तंत्र बनने की प्रबल संभावना है। जिसके चलते पूर्वी राजस्थान में आगामी दिनों में मानसून के सक्रिय रहेगा और अधिकांश जगहों पर एक सप्ताह तक बारिश होती रहेगी। साथ ही बीकानेर संभाग के कुछ भागों में आगामी दिनों में बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा जोधपुर व बीकानेर संभाग के अधिकतर भागों में 19 से 25 जुलाई के दौरान मानसून सक्रिय होने से बारिश की गतिविधियों बढ़ोतरी होगी।

अजमेर में बाढ़ जैसे हालात

अजमेर शहर सहित आसपास के इलाकों में सावन के दूसरे सोमवार को जमकर बारिश हुई। करीब 2 घंटे तक हुई बारिश से बाढ़ के हालात बन गए। सड़कें दरिया बनी नजर आई। शहर के लगभग सभी इलाके जलमग्न हो गए तो शहर में बारिश के कारण कई इलाकों के घरों में पानी तक भर गया है। शहर में बारिश और पानी के कारण जगह-जगह जाम के हालात भी दिखे, जिन्हें पुलिस खुलवाती नजर आई। अलवर गेट थाना परिसर भी तालाब बना गया और यहां खड़े वाहन भी पानी में डूब गए। वहीं, बारिश के चलते दरगाह के सामने पानी का तेज बहाव शुरू हो गया। पानी के बहाव में एक महिला और एक बच्चा बहने लगा। हालांकि, मौजूद लोगों ने काफी मशक्कत के बाद दोनों की जान बचाई। सोशल मीडिया पर भी इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।

पुष्कर में भी हालात गंभीर, श्रद्धालु फंसे

पुष्कर में भी तेज बारिश के बाद बाढ़ के हालात है। सावित्री माता मंदिर मार्ग पानी में डूब गया है। कई जगह वाहन पूरी तरह पानी में डूब गए है। जिसके चलते बढ़ी संख्या में श्रद्धालु फंस गए है। लेकिन, प्रशासन ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है। ब्रह्मा वाटिका सड़क पर भी पूरी तरह से जलमग्न है।

हाड़ौती अंचल में बांधों में पानी की आवक बढ़ी

हाड़ौती अंचल में भी रविवर को हुई मूसलाधार बारिश की वजह से बांधों में पानी की आवक बढ़ गई। जिसके चलते कोटा बैराज के चार गेट खोले गए है तो छापी बांध के दो गेट खोले गए हैं। कोटा बैराज के 4 गेट खोलकर 21,142 क्यूसेक व झालावाड़ जिले के छापी बांध के दो गेट खोलकर 2407 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। झालावाड़ के छापी बांध का जलस्तर सोमवार फिर से बढ़ गया। जिसके बाद छापी बांध के दो और गेट खोल दिए गए है। इस निकासी से 5094 क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा गया है। कोटा शहर में बारिश होने से शहर की सड़कें लबालब हो गईं और घरों में पानी भर गया।

घग्घर नदी में पानी की आवक तेज, अगले 72 घंटे क्रिटिकल

घग्घर नदी में पानी की आवक से अब भी जिले में बाढ़ का खतरा बरकरार है। रविवार को जिला कलेक्टर रुकमणि रियार सिहाग ने कहा कि अगले 72 घंटे बहुत क्रिटिकल हैं। इससे सबको सतर्क रहने की जरूरत है। घग्घर नदी के राजस्थान भाग में पानी का बहाव लगातार तेज हो रहा है। इससे बाढ़ का खतरा अब भी बना हुआ है। इससे हर वर्ग में बेचैनी है। रविवार को गुल्लाचिक्का हेड पर पानी की मात्रा में कुछ कमी आई, लेकिन ओटू से राजस्थान के लिए पानी की मात्रा लगातार बढ़ाई जा रही है। गुल्लाचिक्का हेड पर 52060, खनौरी 15375, ओटू हेड से 26300 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया। इससे नाली बेड में अब 4800, जीडीसी में 12200 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है।

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