मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बोले-मुझ पर भी लगाया गया झूठा मुकदमा, बीजेपी विधायकों ने किया हंगामा

विधानसभा में गृह विभाग की अनुदान मांगों को मंगलवार देर रात टोकाटाकी और हंगामे के बीच पारित कर दिया गया है।

Minister Rajendra Gudha | Sach Bedhadak

जयपुर। विधानसभा में गृह विभाग की अनुदान मांगों को मंगलवार देर रात टोकाटाकी और हंगामे के बीच पारित कर दिया गया है। गृह मंत्री के तौर पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने अपने जवाब में जब झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि भाजपा राज में तो 182 की कार्रवाई के बारे में पता तक नहीं था। इसी बीच मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि झूठा मुकदमा तो मुझ पर भी लगाया गया। मेरे खिलाफ भी झूठा मुकदमा किया गया। गुढ़ा के इतना कहते ही उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और विपक्ष के विधायक खड़े हो गए।

राठौड़ ने कहा कि एक मंत्री ही खुद पर झूठा मुकदमा होने की बात कह रहे हैं। मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। मंत्री के आरोप पर भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। बाद में आसन पर आए स्पीकर सीपी जोशी सख्त रूख अपनाते हुए स्थिति को नियंत्रण किया। धारीवाल ने गृह विभाग पर दिन भर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जनता के सम्मान, जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा करना और जवाबदेह, पारदर्शी व संवेदनशील पुलिस-प्रशासन प्रदान करना राज्य सरकार का लक्ष्य रहा है। इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अपराधियों तथा माफियाओं पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

चर्चा के बाद सदन ने गृह विभाग की 94 अरब, 38 लाख 32 हजार रुपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी। इससे पहले दो सत्ता और प्रतिपक्ष दोनों तरफ के विधायकों ने नेटबंदी, बिगड़ती कानून व्यवस्था सहित अन्य मामलों पर विचार व्यक्त किए।

स्पीकर जोशी ने गुढ़ा और लोढ़ा को नहीं बोलने दिया

हंगामे के बाद स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने मंत्री गुढ़ा को बोलने की अनुमति नहीं दी। जवाब के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और स्पीकर जोशी के बीच तीखी बहस भी हुई। स्पीकर ने लोढ़ा को फटकारते हुए कहा कि मंत्री के जवाब के बीच आपको बोलने की अनुमति कै से दी जा सकती है। टोकाटाकी करने पर नाराजगी जताते हुए स्पीकर ने यहां तक कहा कि अगर विधायकों के विशेषाधिकार हैं तो उनका इस्तेमाल मैं भी कर सकता हूं।

करप्शन में राजस्थान का दूसरा स्थान

संसदीय कार्यमंत्री धारीवाल ने कहा कि वर्ष 2022 में भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कु ल 2 लाख 39 हजार 459 अपराध पंजीबद्ध हुए, जिनमें 1 लाख 96 हजार 914 अपराधियों को गिरफ्तार कर 2 लाख 19 हजार 934 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। वर्ष 2022 में राज्य में 1055 इनामी अपराधियों, लंबे समय से वांछित 164 घोषित अपराधियों, 1834 भगौड़ों एवं 15 हजार 411 स्थायी वारंटियों को गिरफ्तार किया गया।

साइबर अपराधियों पर लगाम के लिए सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने भी खोले गए । साइबर क्राइम रोकने के लिए महानिरीक्षक के स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की गई। करौली, जोधपुर, उदयपुर जिलों में घटी सांप्रदायिक घटनाओं में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। सांप्रदायिक तत्वों के विरुद्ध अभियान चलाकर लगभग 100 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

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