मानवेंद्र सिंह जसोल: लगातार त्रासदियों की मार झेलता मारवाड़ का ये बेटा…अभी और कितने इम्तिहान बाकी?

मानवेंद्र सिंह और उनके बेटे को एक्सीडेंट के बाद बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम शिफ्ट किया गया है.

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Manvendra Singh Jasol: राजस्थान के बाड़मेर से पूर्व कांग्रेस सांसद और बीजेपी के दिग्गज नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह की कार का मंगलवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हरियाणा सीमा के पास एक घातक एक्सीडेंट हो गया जिसमें उनकी पत्नी चित्रा सिंह का निधन हो गया. वहीं खुद मानवेंद्र सिंह,उनके बेटे और ड्राइवर का इलाज चल रहा है जो खतरे से बाहर हैं. चित्रा सिंह अपने पति मानवेंद्र सिंह और बेटे के साथ दिल्ली से जयपुर लौट रही थी जहां खुद मानवेंद्र ही कार चला रहे थे.

राजस्थान के मारवाड़ के नेता और पूर्व विदेश एवं वित्त मंत्री जसवन्त सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह बालोतरा के जसोल के रहने वाले हैं. राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में जसोल परिवार की गहरी जड़ें हैं जहां सिंह परिवार दशकों से राज्य के सामाजिक-राजनीतिक ढांचे का एक जरूरी हिस्सा रहा है.

लेकिन पिछले कुछ समय से जसोल परिवार पर आई त्रासदियों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मानवेंद्र सिंह को राजनीतिक तौर पर लगातार मिलती हार और निजी जिंदगी में लगातार दूर होते लोग, मानवेंद्र अपनी हर साल किसी त्रासदी का शिकार हो रहे हैं जहां 2009 से शुरू हुआ ये दुखद सिलसिला अभी भी अनवरत जारी है.

लोकसभा- विधानसभा में लगातार मिलती हार

बता दें कि जसवंत सिंह की विरासत को सहेजते हुए उनके बेटे मानवेंद्रसिंह 1999 में पहली बार राजनीति में आए जहां पहला लोकसभा चुनाव 1999 में लड़ा और कर्नल सोनाराम से हार गए. वहीं इसके बाद 2004 में बीजेपी की पहली जीत दर्ज करवाई लेकिन इसके बाद 2009 में कांग्रेस के हरीश चौधरी से फिर हार गए.

लोकसभा में हार के बाद मानवेंद्र ने 2013 में विधानसभा में हाथ आजमाया जहां शिव सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए लेकिन इसके बाद फिर हारने का सिलसिला शुरू हुआ जहां 2018 में झालरापाटन से वसुंधरा राजे के सामने विधानसभा चुनाव हार गए. इन चुनावों से पहले वह भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. वहीं हाल में हुए 2023 के चुनावों में फिर मानवेंद्र सिवाना विधानसभा से हार गए.

2020 में पिता जसवन्त सिंह का निधन

मानवेंद्र के पिता जसवन्त सिंह ने 2014 में बाड़मेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहा था लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने पार्टी से बग़ावत कर दी है और निर्दलीय के बतौर चुनाव मैदान में आ डटे थे. बीजेपी ने बाड़मेर सीट से हाल में कांग्रेस छोड़ कर पार्टी में आए कर्नल सोनाराम चौधरी को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में जसवंत सिंह हार गए और इसके कुछ दिनों बाद घर पर एक एक्सीडेंट हुआ जिसके बाद वह कोमा में चले गए और 2020 में उनका निधन हो गया.

2023 में सिवाना से हार और अब पत्नी का निधन

वहीं हाल में हुए राजस्थान विधानसभा चुनावों वहीं बाड़मेर जिले की सिवाना सीट से मानवेंद्र सिंह को हार का सामना करना पड़ा. 2023 के चुनावों में मानवेंद्र सिंह के साथ उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने भी चुनावी प्रचार किया था और वह सिवाना विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव में जनसंपर्क करके लोगों से मिलती थी. हालांकि मानवेंद्र सिवाना से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने वहीं से टिकट दिया.